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Ganeshotsav 2021: 10 दिन गणपति बप्पा को लगाएं मोदक से लेकर श्रीखंड और पूरण पोली तक का भोग 

Updated Sep 10, 2021 | 06:08 IST

Ganeshotsav 2021, Ganesh ji ko kya bhog lagaae: भारत में गणेशोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। गणेशोत्सव के दसों दिन भगवान गणेश को उनके प्रिय भोग अर्पित किए जाते हैं। 

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श्री गणेश के 10 प्रिय भोग (Pic: Istock)
मुख्य बातें
  • आज से गणेशोत्सव की धूम प्रारंभ होने वाली है।
  • गणेशोत्सव के दसों दिन होती है भगवान गणेश की परंपरागत पूजा। 
  • गणेशोत्सव के दसों दिन गणेश जी को लगाए जाते हैं अलग-अलग भोग।

Ganeshotsav 2021, Ganesh ji ke priya bhog: सनातन धर्म में गणेशोत्सव का अत्यधिक महत्व है। हिंदू धर्मावलंबी गणेशोत्सव को बहुत धूमधाम से मनाते हैं। यह उत्सव गणेश चतुर्थी से प्रारंभ होता है और अनंत चतुर्दशी पर समाप्त होता है। मान्यताओं के अनुसार, गणेश चतुर्थी पर भगवान श्री गणेश का जन्म हुआ था। गणेशोत्सव के दसों दिन श्री गणेश के उपासक उनकी श्रद्धा-भाव से पूजा-उपासना करते हैं। गणेशोत्सव के पहले दिन गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित की जाती है। जिसके बाद 10 दिन तक भगवान श्री गणेश की उपासना होती है। अंत में अनंत चतुर्दशी पर गणपति बप्पा का विसर्जन किया जाता है। गणेशोत्सव के दसों दिन लोग विघ्नहर्ता श्री गणेश को अलग-अलग भोग अर्पित करते हैं।

  1. मोदक: गणपति बप्पा का प्रिय भोग मोदक है जिसे चावल के आटे, नारियल और गुड़ से बनाया जाता है। गणेशोत्सव के पहले दिन आप उन्हें मोदक अर्पित करें। इस दिन विशेष रूप से नारियल और गुड़ से बने मोदक का ही भोग लगाएं।
  2. मोतीचूर के लड्डू: गणेशोत्सव के दूसरे दिन विघ्नहर्ता को मोतीचूर का लड्डू चढ़ाएं। कहा जाता है, बेसन से बना यह लड्डू मूषकराज को भी प्रिय है। 
  3. नारियल चावल: इस उत्सव के तीसरे दिन गणपति बप्पा को नारियल वाले चावल जरूर अर्पित करें। नारियल चावल को परंपरागत तरीके से बनाना चाहिए। आप चाहें तो इसमें गुड़ और चीनी भी डाल सकते हैं। 
  4. पूरण पोली: गणेश जी के प्रिय भोग में पूरण पोली भी शामिल है जिसे चौथे दिन अर्पित करना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार, यह प्रसाद अर्पित करने से श्री गणेश भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। 
  5. श्रीखंड: श्रीखंड गणपति बप्पा को अति प्रिय है। श्रीखंड को पांचवे दिन अर्पित करना चाहिए। अगर आप श्रीखंड बनाने में असक्षम हैं तो इस दिन पंचामृत या पंजीरी का भोग भी लगा सकते हैं।
  6. केले का शीरा: केले के शीरे को सूजी और चीनी के साथ बनाया जाता है। अगर, आपके पास समय की कमी है तो गणेशोत्सव के छठे दिन शुद्ध घी में बना हलवा भी अर्पित कर सकते हैं। 
  7. रवा पोंगल: इस व्यंजन को सूजी, मूंग की दाल और मेवे के साथ तैयार किया जाता है। गणेशोत्सव के सातवें दिन रवा पोंगल का भोग अवश्य लगाएं। 
  8. पयसम: दक्षिण भारत में पयसम विशेष तिथि पर बनाया जाता है। इसे चावल या सेवई, दूध, चीनी या गुड़, इलायची पाउडर, घी और ड्राई फ्रूट्स डालकर बनाया जाता है। आठवें दिन पयसम का भोग लगाएं।
  9. शुद्ध घी और गुड़ का भोग: शुद्ध घी में पका हुआ गुड़ एक पारंपरिक भोग है जो भगवान गणेश को बहुत पसंद आता है। गणेशोत्सव के नौवें दिन आप शुद्ध घी और गुड़ के भोग अर्पित करें। 
  10. छप्पन भोग: गणेशोत्सव के दसवें दिन शुद्ध और सात्विक भोजन का भोग गणेश जी को लगाया जाता। भगवान गणेश के प्रिय भोग के साथ अन्य भोग अर्पित करें। ध्यान रहे, इस दिन भगवान गणेश को अर्पित किए जाने वाले भोग 56 प्रकार के हों।

मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्री गणेश को यह भोग लगाने से उनकी कृपा बनी रहती है। इसके साथ भगवान श्री गणेश अपने भक्तों की सभी परेशानियों को हर लेते हैं। 
 

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