- सनातन हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है।
- हिंदू धर्म में गाय को देवी लक्ष्मी का माना जाता है स्वरूप।
- इस दिन कुछ खास मंत्रों का जाप करने से होती हैं सभी मनोकामनाएं पूर्ण।
Govardhan Puja 2021 Date, Laxmi Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Samagri List: गोवर्धन पूजा का पावन पर्व उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक धूमधाम से मनाया जाता है। धार्मिक ग्रंथों में इस पर्व की कई मान्यताएं और लोक कथाएं प्रचलित हैं। यह पावन पर्व उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
सनातन हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व है। इस पर्व की कई मान्यताएं और लोक कथाएं हैं। इस दिन गोधन और गाय के गोबर का गोवर्धन पर्वत बनाकर पूजा और परिक्रमा किया जाता है। मान्यता है कि इससे पर्यावरण स्वच्छ रहता है और मानवता का कल्याण होता है। हिंदू धर्म में गाय को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। जिस तरह मां लक्ष्मी सुख समृद्धि और धन प्रदान करती हैं उसी तरह गौमाता हमें स्वास्थ्य रूपी धन प्रदान करती हैं।
गोवर्धन पूजा विधि (Govardhan Puja procedure)
सुबह स्नान कर साफ और सुंदर वस्त्र धारण करें। इस दिन गोवर्धन पर्वत, गाय, भगवान विश्वकर्मा और श्रीकृष्ण जी की पूजा का विधान है। ऐसे में घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाएं और उसे फूलो से सजाएं, पर्वत के बीच में एक मिट्टी के मटके में दूध, दही, बतासे आदि डालकर रख दें। पूजा के दौरान गोबर द्वारा बनाए गोवर्धन पर्वत पर धूप, दीप आदि जलाएं। पूजन के बाद पर्वत की परिक्रमा करें। तथा इस दिन भगवान श्री कृष्ण को 56 भोग का प्रसाद चढ़ाया जाता है, ऐसे में कृष्ण जी को प्रसाद चढ़ाएं और इसे वितरित करें।
गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त (Govardhan Puja muhurat 2021)
हिंदू पंचांग के अनुसार गोवर्धन पूजा दीपावली के अगले दिन कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाया जाता है। इस बार गोवर्धन पूजा 5 नवंबर 2021, शुक्रवार को है। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त 05:28 AM से 07:55 AM तक है। तथा शाम के समय पूजा का सर्वश्रेष्ठ मुहुर्त 5:16 PM से 05:43 PM तक है।
गोवर्धन पूजा मंत्र (Govardhan Puja mantra)
गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्री कृष्ण और गोवर्धन महाराज के कुछ खास मंत्रों का जाप करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और कष्टों का निवारण होता है। ऐसे में पूजन के बाद इन खास मंत्रों का जाप करें।
ओम कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने।।
प्रणत: क्लेशनाशय गोविंदाय नमो नम:।।
नम: भगवते वासुदेवाय कृष्णाय
क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नम:।
गोवर्धन धराधार गोकुल त्राणकारक।
विष्णुबाहु कृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रभो भव।।
लक्ष्मीर्या लोकपालानां धेनुरूपेण संस्थिता।
घृत वहति यज्ञार्थ मम पापं व्यपोहतु।।
गोवर्धन महाराज और भगवान श्री कृष्ण की पूजा के बाद इन मंत्रों का जाप करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी और सुख-समृद्धि, यश वैभव की प्राप्ति होगी।
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