लाइव टीवी

Guru Purnima 2022 Date: जानें गुरु पूर्णिमा की पूजा का शुभ मुहूर्त, मिलेगा मनचाहा फल

Updated Jul 13, 2022 | 06:42 IST

Guru Purnima 2022 Date, Time, Puja Muhurat: आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जानी जाती है। मान्यता है कि इसी दिन वेदों के रचयिता वेदव्यास का जन्म हुआ था। जानें जुलाई 2022 में कब मनाई जाएगी गुरु पूर्णिमा।

Loading ...
when is Guru Purnima in 2022

Guru Purnima 2022 Date and Time, Puja Muhurat: Guru Purnima 2022: हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा का बहुत महत्व है। यह हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। गुरु पूर्णिमा को आषाढ़ी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता हैं। शास्त्र के अनुसार गुरु पूर्णिमा के दिन ही महाभारत और पुराण के रचयिता महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था। पृथ्वी पर मनुष्य को पुराण का ज्ञान देने के कारण इन्हें गुरु के रूप में आज भी पूजा जाता है।

भारत में इस दिन सभी लोग महर्षि वेदव्यास जी के साथ अपने गुरुजनों की भी पूजा अर्चना करते हैं। हिंदू धर्म में गुरु का स्थान देवता से भी पहले दिया गया है, इसलिए गुरु पूर्णिमा का दिन हिंदुओं के लिए बहुत खास होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिनकी कुंडली में गुरु की स्थिति खराब रहती है, यदि वैसे जातक इस दिन अपने गुरु की पूजा करें, तो उन्हें विशेष फल प्राप्त हो सकता है। यदि आप गुरु पूर्णिमा के दिन अपने गुरुजनों की विशेष कृपा प्राप्त करना चाहते है, तो यहां आप गुरु पूर्णिमा की तिथि और महत्व जान सकते हैं।

Guru Purnima 2022 Puja Vidhi, Mantra

गुरु पूर्णिमा 2022 जुलाई की तारीख

हिंदू पंचांग के अनुसार गुरु पूर्णिमा हर साल आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इस साल गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई यानी कल मनाई जाएगी। आपको बता दें इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन बहुत अच्छे संयोग बन रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मांगलिक कार्यों के लिए यह दिन बहुत ही शुभ है।

Guru Punima Ke Niyam in Hindi

जुलाई 2022 की गुरु पूर्णिमा की तिथि एवं शुभ मुहूर्त

  • गुरु पूर्णिमा की तिथि: 13 जुलाई 2022, बुधवार  
  • स्नान-दान का शुभ मुहूर्त: 13 जुलाई, सुबह 4 बजे से प्रारंभ 
  • इंद्र योग: 13 जुलाई, दोपहर 12:45 
  • चंद्रोदय: 13 जुलाई, शाम 7:20 


गुरु पूर्णिमा का महत्व

हिंदू सभ्यता में गुरु को भगवान से भी ऊंचा दर्जा दिया गया है। ऐसा कहा जाता है कि माता-पिता के बाद मनुष्य को सही मार्गदर्शन कराने वाला सिर्फ गुरु ही होता है। महर्षि वेदव्यास जी ने भी मानव जाति को ग्रंथों और चारों वेदों का ज्ञान दिया है। इसलिए उन्हें प्रथम गुरु का स्थान दिया गया है। ऐसी मान्यता है, कि इस दिन यदि व्यक्ति पूरी श्रद्धा के साथ अपने गुरु की पूजा करें, तो उसके ऊपर गुरुजनों की विशेष कृपा सदैव बनी रहती है।
 

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल