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Angarak Dosha: क्या होता है अंगारक योग? जानें इसके प्रभाव और इससे बचने के उपाय

Updated Mar 08, 2022 | 13:43 IST

Angarak Dosha : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, क्रूर ग्रह मंगल जब पाप ग्रह राहु के साथ मिलकर युति बनाता है तो इसके कारण अंगारक योग का निर्माण होता है। किसी भी व्यक्ति की जन्म कुंडली में इस योग को सबसे ज्यादा खतरनाक माना जाता है।

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तस्वीर साभार:&nbspPeople
Angarak Dosha Yog
मुख्य बातें
  • अंगारक योग होने पर जातक हो जाता है हिंसक
  • अंगारक योग होने पर 'ओम अंग अंगारकाय नम:' मंत्र का जाप करना चाहिए
  • ज्योतिष शास्त्र में अंगारक योग को सबसे खतरनाक माना गया है

Angarak Dosha : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जन्म कुंडली के जरिए किसी भी व्यक्ति के भविष्य से जुड़ी कई सारी बातें बताई जा सकती हैं। ज्योतिष शास्त्र में कुछ शुभ और अशुभ योगों की चर्चा की गई है। अगर व्यक्ति की कुंडली में शुभ योग बन रहे हैं तो उन्हें भविष्य में इसके शुभ परिणाम मिलते हैं। लेकिन अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में कोई अशुभ और खतरनाक योग बन रहा है तो ऐसे लोगों को अपने जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे ही अशुभ योगों में से एक है, अंगारक योग। कुंडली में यह योग मंगल और राहु की युति से बनता है। ज्योतिष शास्त्र में इस योग को सबसे खतरनाक माना गया है।

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अंगारक योग का प्रभाव

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब जन्म कुंडली में अंगारक योग का निर्माण होता है तो व्यक्ति के स्वभाव में उग्रता आ जाती है। ऐसे लोगों को बहुत जल्दी गुस्सा आता है और यह छोटी से छोटी बात को लेकर भी लड़ाई-झगड़े पर उतारू हो जाते हैं। ऐसे लोग क्रोध में हिंसा करने से भी पीछे नहीं हटते। 

अंगारक योग होने पर बरतें ये सावधानियां
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि जिन लोगों की जन्म कुंडली में अंगारक योग होता है, उन्हें अग्नि और वाहन आदि के प्रयोग में भी सावधानी बरतनी चाहिए। इसके साथ ही वाद-विवाद से दूर रहना चाहिए और परिवार में बड़े भाइयों को नाराज नहीं करना चाहिए।

अंगारक योग से बचने के उपाय

  • जिन लोगों की कुंडली में अंगारक योग है, उन्हें 'ओम अंग अंगारकाय नम:' मंत्र का जाप करना चाहिए।
  • ऐसे लोगों को नशे से दूर रहना चाहिए और अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना चाहिए। 
  • भगवान शिव और हनुमान जी की उपासना करने से लाभ मिलता है। साथ ही अपने मन को शांत रखने की कोशिश करें। 
  • नकारात्मक विचारों को खुद पर हावी न होने दें। परिवार के साथ प्रेम और विनम्रता से पेश आने की कोशिश करें।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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