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Shivling Worship Rules: शिवलिंग की करते हैं पूजा, जानें पूजा के नियम और विधि

Updated May 20, 2020 | 11:21 IST

Shiv Dham Part 8, Shivling Puja Rules: देवों के देव महादेव की पूजा करने से पहले आपको नियम और विधि का ज्ञान होना जरूरी है। खासकर जब आप शिवलिंग की पूजा कर रहे हो।

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Shivling worship method,शिवलिंग की पूजा के नियम
मुख्य बातें
  • शिवलिंग की पूजा हमेशा दक्षिण दिशा में बैठकर करें
  • घर में शिवलिंग अंगूठे के पोर से बड़ा नहीं होना चाहिए
  • शिवलिंग की कभी पूरी परिक्रमा नहीं करनी चाहिए

भगवान शिव की पूजा दो तरह से होती है। भगवान शंकर की प्रतिमा की पूजा और शिवलिंग की पूजा। दोनों ही पूजा की विधि और नियम में अंतर है। इसलिए जब भी आप शिवलिंग की पूजा करें तो कुछ नियमों को जरूर जान लें। शिवलिंग की पूजा में खास सर्तकता रखने की जरूरत होती है। शिवजी की तस्वीर या प्रतिमा को घर में रखना तो उचित माना गया है लेकिन शिवलिंग को घर में रखने से मना किया जाता है और इसके पीछे वजह शिवलिंग की पूजा में बरती जाने वाली विशेष पवित्रता होती है। इसके अलावा शिवलिंग की पूजा के नियम भी अलग हैं। शिवलिंग सृष्टि का आधार है और शिव विश्व कल्याण के देवता माने गए हैं।

जानें, शिव जी की पूजा कब और कैसे करनी चाहिए

  1. शिवलिंग जहां स्थापित किया गया हो, वहां कभी पूर्व दिशा की ओर मुख कर न बैठें।
  2. शिवलिंग से उत्तर दिशा में बैठना मना है। ऐसा इसलिए क्योंकि भगवान शंकर के बाएं शक्तिस्वरूपा देवी उमा विराजमान होती हैं। यानी अंग उनकी पत्नी का होता है।
  3. पूजा के दौरान शिवलिंग से पश्चिम दिशा में बैठे की मनाही है। पश्चिम दिशा में भोले बाबा की पीठ होती है और इस जगह बैठ कर पूजा करने का लाभ नहीं मिलता।
  4. शिवलिंग की पूजा के लिए हमेशा दक्षिण दिशा बेहतर मानी गई है। इस दिशा में बैठकर पूजा करने से आपकी पूजा फलीभूत होगी और मनोकामना पूर्ण होगी।
  5. उज्जैन के दक्षिणामुखी महाकाल और अन्य दक्षिणामुखी शिलिंग पूजा का बहुत अधिक महत्व इसलिए है।
  6. शिवलिंग पूजा में दक्षिण दिशा में बैठकर भस्म का त्रिपुण्ड लगा, रूद्राक्ष की माला पहने और बेलपत्र अर्पित करें।
  7. शिवलिंग की कभी पूरी परिक्रमा नहीं करनी चाहिए। हमेशा आधी परिक्रमा करना चाहिए। जबकि उनकी प्रतिमा की पूरी परिक्रमा की जा सकती है।
  8. महिआलों के लिए शिवलिंग को छूना मना है, लेकिन वे जल या दुग्धाभिषेक कर सकती हैं। घी या शहद का लेपन नहीं करना चाहिए।
  9. घर में यदि शिवलिंग की स्थापना कर रहे तो शिवलिंग का आकार अंगूठे के पोर से बड़ा नहीं होना चाहिए।
  10. शिवलिंग की पूजा रोज करना जरूरी होता है और घर में यदि शिवलिंग है तो बहाने वाले जल की दिशा का उत्तर की तरफ होनी चाहिए।

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