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Ekakshi Coconut: एकाक्षी नारियल को पूजा में कीजिए शामिल, सदैव रहेगी मां लक्ष्मी की कृपा

Updated May 20, 2022 | 22:11 IST

Ekakshi Coconut Importance: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ में नारियल चढ़ाया जाता है। लेकिन सभी नारियलों में एकाक्षी नारियल का विशेष महत्व होता है। इसे श्रीफल भी कहा जाता है।

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एकाक्षी नारियल का महत्व
मुख्य बातें
  • ग्रहदोष से मुक्ति दिलाता है एकाक्षी नारियल
  • एकाक्षी नारियल को ही कहा जाता है श्रीफल
  • एकाक्षी नारियल में होती है मां लक्ष्मी की कृपा

Ekakshi Coconut Importance of Worship: धार्मिक मान्यता के अनुसार, कई पूजा-पाठ में नारियल चढ़ाने का खास महत्व होता है। क्योंकि नारियल के बिना कोई भी पूजा पूरी नहीं मानी जाती है। कई लोग नारियल को ही श्रीफल भी बोलते हैं। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि नारियल और श्रीफल दोनों अलग-अलग होते हैं। वैसे नारियल को श्रीफल कहा जाता है कि लेकिन उसे जोकि एकाक्षी नारियल होते हैं। यानी जिस नारियल में एक छिद्र होता है। ऐसा नारियल बेहद शुभ माना जाता है। इसे भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का फल कहा जाता है। एकाक्षी नारियल को घर पर रखने से माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। बता दें कि अन्य नारियल से एकाक्षी नारियल की पूजा भी अलग तरीके से की जाती है।

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एकाक्षी नारियल या श्रीफल का महत्व

  1. एकाक्षी नारियल को दुर्लभ प्रकार का नारियल कहा जाता है। इसमें केवल एक छिद्र होता है। वहीं सामान्य नारियल में दो या फिर तीन छिद्र होते हैं।
  2. घर पर भी एकाक्षी नारियल रखना शुभ होता है। इससे मां लक्ष्मी की कृपा घर पर बनी रहती है। 
  3. कहा जाता है कि जिस घर पर एकाक्षी नारियल रखा जाता है, वहां धन की देवी मां लक्ष्मी वास करती हैं। इसलिए ऐसे घर पर कभी धन-संपत्ति की कमी नहीं होती।
  4. वास्तु में भी एकाक्षी नारियल के महत्व के बारे में बताया गया है। जिस घर पर एकाक्षी नारियल होता है वहां वास्तु दोष दूर हो जाते हैं।
  5. नवग्रह की पीड़ा से मुक्ति दिलाने में भी एकाक्षी नारियल लाभकारी होता है। इससे कुंडली के ग्रह दोष दूर होते हैं।

विशेष मौकों पर की जाती है एकाक्षी नारियल की पूजा

यदि एकाक्षी नारियल आपको मिलता है तो इसे घर पर रखें। शुभ अवसरों या त्योहारों जैसे दीपावली, सूर्य-चंद ग्रहणकाल, रवि-गुरु पुष्य नक्षत्र, दशहरा, अक्षय तृतीया और नवरात्रि जैसे मौके पर इसकी पूजा करें। आप पूजा के बाद इसे पूजा के स्थान या तिजोरी में रख सकते हैं। इससे मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्‍स नाउ नवभारत इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है।)

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