- नारद मुनि ने दिया था पृथ्वी पर मनु को योग का ज्ञान, यहां से हुआ योग का प्रचार प्रसार।
- भारत में योगाभ्यास की परंपरा है तकरीबन 5000 साल पुरानी।
- 21 जून साल के 365 दिनों में होता है सबसे बड़ा दिन, यह मनुष्य के दीर्घ जीवन को दर्शाता है।
करें योग, रहें निरोग, योग का शाब्दिक अर्थ है जोड़। अर्थात वह अवस्था जो आत्मा से परमात्मा से मेल अथवा जोड़ करवाए। योग हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। भारत में योगाभ्यास की परंपरा तकरीबन 5000 साल पुरानी है। योग को शरीर और आत्मा के बीच सामंजस्य का अद्भुत विज्ञान माना जाता है। आपको बता दें पहली बार योग दिवस भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल के बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 21 जून 2015 को मनाया गया था।
इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को योग के प्रति जागरूक करना है, क्योंकि योग करने से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकता है। वहीं कोरोना काल ने योग की महत्वता को और भी बढ़ा दिया है। हर कोई इस भयावह महामारी को मात देने के लिए निरंतर योग साधना कर रहा है।
कोरोना के भयावह प्रकोप को देखते हुए हो सकता है कि पिछले साल की तरह इस साल भी योग दिवस डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मनाया जाए। ऐसे में आइए जानते योग दिवस से जुड़ी कुछ खास बातें।
योग की उत्पत्ति (Origin of Yoga)
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार योग का ज्ञान सबसे पहले ब्रम्हा जी ने सूर्य को दिया था। जी हां हिंदु धर्म ग्रंथों के अनुसार योग की उत्पत्ति ब्रम्हा जी ने की थी। इसके बाद सूर्य से यह ज्ञान नारद मुनि को मिला और नारद ने योग का ज्ञान पृथ्वी पर मनु को दिया। इसके बाद पृथ्वी पर धीरे धीरे योग का प्रचार और प्रसार हुआ। वहीं आपको बता दें भगदवान श्रीकृष्ण ने भगवद गीता में अर्जुन को विभिन्न प्रकार के योग करने की सलाह दी है।
भगवत गीता में योग के 18 प्रकार बताए गए हैं। कालांतर में ऋषि मनुनियों द्वारा योग का निर्वाह किया जाता रहा है। तथा महर्षि पतंजलि ने भी योगसूत्र नामक एक किताब लिखा है, इस किताब को लेकर मान्यता है कि यह 2200 वर्ष पूर्व लिखी गई थी। महर्षि पतंजलि ने योग को योगशास्त्र बनाने में महत्वपूरण भूमिका निभाया।
2015 में मनाया गया था पहला योग दिवस (International Yoga Day Start)
भारत सहित दुनियाभर में योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 27 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में संबोधन के दौरान अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का आह्रान किया गया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रस्ताव आने के बाद 3 माह के भीतर 11 दिसंबर, 2014 को दुनिया भर में योग दिवस मनाने का ऐलान किया। इसके बाद हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।
21 जून को ही क्यों मनाया जाता है योग दिवस (Why International Yoga Day celebrated on 21st June?)
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने के लिए 21 जून का दिन तय करने के पीछे एक खास वजह है। 21 जून साल के 365 दिनों में सबसे बड़ा होता है, यह मनुष्य के दीर्घ जीवन को दर्शाता है। तथा इस दिन सूर्य जल्दी उदय होता है और देर से ढ़लता है, मान्यता है कि इस दिन सूर्य का तप सबसे ज्यादा प्रभावी होता है और प्रकृति की सकारात्मक ऊर्जा सक्रिय रहती है।
पौराणिक कथाओं में भी योग का उल्लेख किया गया है, कहा जाता है कि योग का पहला प्रसार भगवान शिव द्वारा उनके सात शिष्यों के बीच किया गया था। इन सप्त ऋषियों की ग्रीष्म संक्रांति के बाद आने वाली पहली पूर्णिमा के दिन योग की दीक्षा दी गई थी। जिसे भगवान भोलेनाथ के अवतरण के तौर पर भी माना जाता है।
योग दिवस का महत्व (Yoga Day Significance)
करो योग रहो निरोग, यह सिर्फ श्लोगन मात्र नहीं है बल्कि यह योग की महत्वता को दर्शाता है। योग करने से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहता है। तथा आधुनिक युग में तनाव और चिंता को कम करने के लिए यह रामबांण है। यह आपके रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है, जिससे आप स्वस्थ रह सकते हैं। योग दिवस का उद्देश्य लोगों को इसके प्रति सजग करना है।