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हिंदी में भगवान गणेश की दो सबसे खूबसूरत आरतियां, गणेश चतुर्थी पर यहां पढ़कर करें पूजा

Updated Aug 22, 2020 | 11:04 IST

गणेश चतुर्थी आरती गीत 2020: आरती एक ऐसा गीत है जो भगवान की कृपा और शक्तियों का गुणगान करते हुए गाया जाता है। यहां आप हिंदी में भगवान गणेश की दो आरतियां पढ़ सकते हैं।

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Ganesh Aarti Lyris in Hindi
मुख्य बातें
  • 22 अगस्त को देश भर में मनाई जा रही गणेश चतुर्थी
  • मूर्ति स्थापना के प्रक्रिया में पूजा के दौरान आरती का होता है विशेष महत्व
  • यहां हिंदी में पढ़ें भगवान गणेश की दो चर्चित और लोकप्रिय आरतियां

मुंबई: गणेश चतुर्थी एक ऐसा त्यौहार है जो भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। विघ्नहर्ता के रूप में भगवान गणेश पहली बार भाद्रपद में चतुर्थी तिथि, शुक्ल पक्ष को अस्तित्व में आए। इस दिन लोग अपने घर पर भगवान गणेश की पूजा करते हैं और गणपति की बड़ी-से-बड़ी मूर्तियां स्थापित करते हैं। पूजा के दौरान आरती का विशेष महत्व माना जाता है।

आरती एक ऐसा भक्ति गीत है जिसे भगवान की आरती करते हुए गाया जाता है। पूजा आरती के बिना अधूरी मानी जाती है। आज, भक्त गणेश चतुर्थी मनाएंगे और इस दौरान अगर आपको गणेश चतुर्थी के बोल याद नहीं है तो आप यहां दी गई दो गणेश आरती से लिरिक्स पढ़ सकते हैं।

1. गणेश जी की आरती- जय गणेश, जय गणेश...

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।

एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी,
माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी।
पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा।
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा....
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।
'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ..

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जय बलिहारी।
यहां गणेश चतुर्थी की सभी को बहुत बहुत शुभकामनाएं।

2. गणेश चतुर्थी- जय देव जय देव....

सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची।
नुरवी पुरवी प्रेम कृपा जयाची।
सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची।
कंठी झळके माळ मुक्ताफळांची॥
 
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती।
दर्शनमात्रे मन कामनांपुरती॥ जय देव...
 
रत्नखचित फरा तूज गौरीकुमरा।
चंदनाची उटी कुंकुमकेशरा।
हिरेजड़ित मुकुट शोभतो बरा।
रुणझुणती नूपुरे चरणी घागरीया॥ जय देव...
 
लंबोदर पीतांबर फणीवर बंधना।
सरळ सोंड वक्रतुण्ड त्रिनयना।
दास रामाचा वाट पाहे सदना।
संकष्टी पावावें, निर्वाणी रक्षावे,
सुरवरवंदना॥ जय देव...।

बता दें कि गणेश चतुर्थी का  त्योहार महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और गोवा राज्यों में मनाया जाता है। इन दिनों उत्तर भारत सहित पूरे देश और विदेश में भी लोग इस त्योहार को मनाते हैं।

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