लाइव टीवी

Janmashtami 2022: अर्जुन के अलावा इन दो लोगों ने सुनी थी भगवान कृष्ण से गीता, जानिए कान्हाजी से जुड़ी रोचक बातें

Updated Aug 18, 2022 | 19:43 IST

Interesting facts Janmashtami 2022: भगवान श्री कृष्ण को भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना गया है। भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी थी को हुआ था। इस दिन को हर साल जन्माष्टमी मनाई जाती है। भगवान श्री कृष्ण से जुड़े ऐसे कई रोचक बातें हैं जिन्हें हर किसी को जानना चाहिए।

Loading ...
तस्वीर साभार:&nbspInstagram
interesting facts
मुख्य बातें
  • कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है
  • भगवान श्री कृष्ण को भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना गया है
  • हिंदू देवी देवताओं में श्रीकृष्ण को सबसे अलग दर्जा दिया गया है

Shri Krishna in Janmashtami 2022: हिंदू धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। इस दिन हर साल जन्माष्टमी मनाई जाती है। इस साल जन्माष्टमी 2022 का उत्सव 19 अगस्त को मनाया जा रहा है। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है। भगवान श्री कृष्ण को भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना गया है। हिंदू देवी देवताओं में श्रीकृष्ण को सबसे अलग दर्जा दिया गया है। उनकी लीलाओं की वजह से ही भगवान श्री कृष्ण को कई नामों से जाना जाता है। कहीं कान्हा, कहीं लड्डू गोपाल, कहीं, बंशीधर, नंदलाला, देवकीनंदन व आदि कई नामों से पुकारा जाता है। भगवान श्री कृष्ण के जीवन से जुड़ी ऐसी कई बातें हैं जिसे जानना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी रोचक बातों के बारे में...

रोहिणी नक्षत्र में हुआ था श्री कृष्ण का जन्म

श्री कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। वह देवकी और वासुदेव के आठवें संतान थे। उनके माता-पिता को मामा कंस ने कारागार में डाल दिया था और एक एक करके 7 बच्चों को मार दिया। कृष्ण के जन्म के बाद वासुदेव उन्हें गोकुल में यशोदा और नंद बाबा के घर छोड़ आए थे।

श्रीकृष्ण की थीं 16108 पत्नियां

भगवान श्रीकृष्ण की 16108 पत्न‍ियां थीं, जिनमें से आठ उनकी पटरानियां थीं। रुक्मिणी, जाम्बवन्ती, सत्यभामा, कालिन्दी, मित्रबिन्दा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा पटरानी थीं, बाकी वे रानियां थीं जिनका भौमासुर ने अपहरण कर लिया था। भौमासुर से उनकी जान जब श्रीकृष्ण ने बचाई तो वे कहने लगीं अब हमें कोई स्वीकार नहीं करेगा तो हम कहां जाएं। तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें अपनी पत्नी का दर्जा दिया और उनकी जिम्मेदारी उठाई।

Also Read- Janmashtami 2022: घर पर ही मनाना चाहते हैं कृष्ण जन्माष्टमी तो इन आइडियाज से करें प्लान

भगवान कृष्ण के हैं 108 नाम

भगवान कृष्ण के 108 नामों से जाना जाता है। जिनमें गोविंद, गोपाल, घनश्याम, गिरधारी, मोहन, बांके बिहारी, बनवारी, चक्रधर, देवकीनंदन, हरि, और कन्हैया प्रमुख हैं।

Also Read- Janmashtami 2022: करोड़ों एकादशी का फल देता है कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत, उपवास रखने से पहले जान लें पूरी विधि

हनुमान जी ने सबसे पहले सुनी थी भगवत गीता
भगवत गीता सबसे पहले सिर्फ अर्जुन ने ही श्रीकृष्ण से के मुंह से नहीं सुनी, इससे पहले भगवान हनुमान जी और संजय ने भी सुनी थी। हनुमान जी कुरुक्षेत्र के युद्ध के दौरान अर्जुन के रथ में सबसे ऊपर सवार थे।


ऐसे हुई श्रीकृष्ण की मृत्यु

श्रीकृष्ण के अवतार का अंत एक बहेलिया के तीर से हुआ था। वह बहेलिया पिछले जन्म में बालि था। जब भगवान राम ने बालि को छिपकर मारा था तो भगवान राम ने कहा था कि अगले जन्म में मेरी मृत्यु भी तुम्हारे हाथों होगी। अगले जन्म में वे श्रीकृष्ण बने। वे जब एक पेड़ पर बैठे थे तो बहेलिए ने उनके पैर में बने एक निशान को चिड़िया समझ कर तीर चलाया तो तीर कृष्ण के पैर में लगा और उसके बाद उनकी मृत्यु हो गई।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल