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Janmashtami Pujan according to Rashi: जन्‍माष्‍टमी पर राश‍ि के अनुसार करें पूजा और दान, म‍िलेगा मनचाहा वरदान

Updated Aug 12, 2020 | 06:58 IST

Rashi ke anusar Janmashtami Manayein : जन्‍माष्‍टमी पर कृष्‍ण भगवान का पूजन करने के बाद अपनी राश‍ि के अनुसार दान करें। इससे रास्‍ते में आने वाली बाधाएं हटेंगी।

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Rashi ke anusar Janmashtami Manayein, जन्‍माष्‍टमी पर राश‍ि के अनुसार उपाय
मुख्य बातें
  • भगवान कृष्‍ण के जन्‍म द‍िवस पर जन्‍माष्‍टमी का पर्व मनाया जाता है
  • इस द‍िन कृष्‍ण के बाल स्‍वरूप की पूजा होती है
  • जन्‍माष्‍टमी पर राश‍ि के अनुसार पूजा व दान करना चाह‍िए

दिनांक 12 अगस्त को श्री कृष्ण जन्माष्टमी है। भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद महीने की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस बात को ध्‍यान में रखकर ही जन्‍माष्‍टमी की तारीख तय होती है। इस दिन पूजा व व्रत का विशेष महत्व है। आज की रात्रि भगवान श्री कृष्ण की पूजा के साथ चंद्रमा के बीज मंत्र का जप करें। मन की एकाग्रता के लिए आज की रात्रि विशेष ध्यान पूजा का भी विधान है। गुरु की शुभता में वृद्धि के लिए श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ भी आवश्यक है।

आइए अब जानते हैं प्रत्येक राशि के अनुसार जन्माष्टमी को दैहिक, दैविक तथा भौतिक संतापों को दूर करने के सरल उपाय - 

  1. मेष- भगवान श्री कृष्ण की पूजा के साथ साथ हनुमान जी की पूजा करें। 100 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें। गुड़ व गेहूं का दान करें। अपने वजन के बराबर गेहूं का दान कष्टों से मुक्ति दिलाएगा। श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें।
  2. वृष- गीता के 13 वें अध्याय का पाठ करें। श्री सूक्त का पाठ करें। चावल तथा चीनी का दान करें। गोशाला में गाय का भोजन दान करें। आज के दिन श्री कृष्ण नाम का संकीर्तन करें। भगवान कृष्ण को बांसुरी अर्पित करें।
  3. मिथुन-श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें। मूंग की दाल का दान करें। गरीबों में अन्न का दान करना लाभकारी है। भगवान कृष्ण को चांदी का आभूषण अर्पित करें।
  4. कर्क- कृष्ण उपासना करें। दुर्गासप्तशती का पाठ करें। अपने वजन के बराबर चावल का दान करें। भगवान कृष्ण को मोरपंख चढ़ाएं। भगवान को मोर पंख अर्पित करने से जीवन में खुशी आती है।
  5. सिंह- प्रातःकाल श्री आदित्यहृदय स्तोत्र का तीन बार पाठ करें। रात्रि में चन्द्रमा के बीज मंत्र का जप करें। गेहूं व गुड़ का दान करें। भगवान कृष्ण को स्वर्ण का मुकुट अर्पित करें।
  6. कन्या- श्री विष्णुसहस्रनाम के साथ साथ रामरक्षास्तोत्र का पाठ करें। अन्न दान करें। बुध के बीज मंत्र का जप करें। भगवान कृष्ण को चांदी का कुंडल अर्पित करें।
  7. तुला- भगवान विष्णु व लक्ष्मी जी की पूजा करें। गरीबों में वस्त्रों का दान करें। भगवान कृष्ण को चांदी की बांसुरी अर्पित करें। प्रसाद का वितरण करें।
  8. वृश्चिक- गीता के 12 वें तथा 18 वें अध्याय का पाठ करें। सुन्दरकाण्ड का भी पाठ करें। अन्न का दान करें। अपने वजन के बराबर गेहूं दान करें। भगवान कृष्ण को मोर पंख चढ़ाएं।
  9. धनु- गीता का पाठ करें। धार्मिक पुस्तकों का दान करें। भगवान कृष्ण के नाम का संकीर्तन करें। भगवान को पीले वस्त्र का दान करें।
  10. मकर- शनि के बीज मंत्र का जप करें। शनि भगवान कृष्ण का भक्त है। सुन्दरकाण्ड का भी पाठ करें। तिल का दान करें। गीता का पाठ करें। भगवान का विधिवत श्रृंगार करें।
  11. कुंभ- गीता के 5वें व 18 वें अध्याय करें। श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें। तिल का दान करें। अन्न दान करें। भगवान कृष्ण को चांदी का मुकुट दान करें।
  12. मीन- भगवान कृष्ण के नाम व महिमा का संकीर्तन करें गुरु के बीज मंत्र के साथ साथ चंद्रमा के भी बीज मंत्र का जप करें। पीपल की 07 परिक्रमा करें। भगवान कृष्ण को पीले वस्त्र व बांसुरी तथा मोर पंख समर्पित करें।

 
तुलसी दल प्रभु को जरूर चढ़ाएं
भगवान श्रीकृष्ण की पूजा में यदि तुलसी दल न चढ़ाया जाए तो वह पूजा अधूरी रहती है। इसलिए भगवान को तुलसी जरूर चढ़ाएं। साथ ही इस दिन तुलसी की माला से ही भगवान श्रीकृष्ण के मंत्र का जाप करना आपकी सारी मनोकामनाओं को पूरा कर देगा।

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