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Jaya Ekadashi 2020: जया एकादशी पर श्री हर‍ि के साथ करें श‍िवल‍िंग की पूजा, जानें क्‍या है महत्‍व

मेधा चावला | SENIOR ASSOCIATE EDITOR
Updated Feb 05, 2020 | 08:18 IST

Jaya Ekadashi Vrat: माघ महीने के के शुक्‍ल पक्ष में आने वाली जया एकादशी के द‍िन भगवान व‍िष्‍णु के साथ श‍िव पूजन भी जरूर करें। जानें क्‍या है इसका महत्‍व

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Jaya Ekadashi 2020 : आज क्‍यों करें श‍िव पूजन

ह‍िंदू कलैंडर के अनुसार हर साल 24 एकादशी व्रत आते हैं। यानी हर महीने दो। हैं लेकिन जब अधिकमास या मलमास आता है तो इनकी संख्‍या बढ़कर 26 हो जाती है। वहीं माघ महीने शुक्‍ल पक्ष में आने वाली एकादशी को जया एकादशी कहा जाता है। 2020 में जया एकादशी 5 फरवरी को मनाई जा रही है। शास्‍त्रों में इस एकादशी का बड़ा महत्‍व बताया गया है। कहा जाता है क‍ि श्री कृष्‍ण ने युध‍िष्ठ‍िर को जया एकादशी की मह‍िमा बताई थी और कहा था क‍ि इस एकदशी व्रत का पालन करने वाले व्‍यक्‍त‍ि को ब्रह्म हत्‍या जैसे जघन्‍य पाप से भी मुक्‍त‍ि मिल जाती है। 

जया एकादशी पर श‍िव पूजन : जया एकादशी माघ के महीने में आती है। इस द‍िन भगवान व‍िष्‍णु की पूजा का व‍िधान है। लेकिन माघ का महीना भगवान श‍िव का प्र‍िय माह भी कहा जाता है। मान्‍यता है क‍ि माघ में भोलेनाथ के पूजन का बड़ा फल मिलता है। ऐसे में जया एकादशी के द‍िन भगवान श‍िव या श‍िवल‍िंग के पूजन से इस एकादशी से मिलने वाला पुण्‍य दोगुना हो जाता है। 

क्‍या हैं शिवल‍िंग पर जल चढ़ाने के न‍ियम : अगर आप जया एकादशी को श‍िवल‍िंग पर जल चढ़ाने जा रहे हैं जो इन न‍ियमों की अनदेखी न करें - 

  • शिवलिंग पर जल चढ़ाते वक्‍त कभी भी काले रंग के कपड़े ना पहनें। ये रंग श‍िव को प्र‍िय नहीं है।
  • शिवलिंग पर जल चढ़ाएं तो इसमें तुलसी के पत्‍तों का प्रयोग न करें। शास्त्रों में इसे वर्जित माना गया है।
  • शिवलिंग से जो जल बाहर कि ओर आ रहा हो, उसे कभी भी लांघना नहीं चाहिए। इससे दुर्भाग्‍य बढ़ता है। 
  • भगवान शिव को सिंदूर, तुलसी, तिल और हल्‍दी ना चढ़ाएं। ऐसा करने से आपकी हानि हो सकती है। 
  • शिवलिंग पर चंदन चढ़ाने से समाज मे यश और मान- सम्मान की प्राप्ति होती है।

तो जया एकादशी पर इन न‍ियमों के साथ श‍िवल‍िंग पूजन भी करें और श्री हर‍ि के साथ भोलेनाथ का आशीर्वाद भी पाएं। 

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