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800 साल पुराना तेलंगाना का Kakatiya Rudreshwara मंदिर विश्‍व धरोहर में शामिल, पीएम नरेंद्र मोदी ने दी बधाई

Updated Jul 26, 2021 | 09:43 IST

kakatiya rudreshwara temple, Ramappa Temple Telangana: मंदिर का निर्माण 1213 ईस्वी में काकतीय साम्राज्य के शासनकाल के दौरान हुआ था। इसके शिल्‍पकार रामप्पा थे जिन्होंने 40 साल तक मंदिर के लिए काम किया था।

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काकतीय रुद्रेश्‍वर मंदिर।
मुख्य बातें
  • काकतीय रुद्रेश्‍वर मंदिर को यूनेस्‍को की वर्ल्‍ड हेरिटेज साइट में मिली जगह।
  • तेलंगाना में स्थित यह मंदिर 800 साल पुराना है।
  • इस उपलब्‍धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को बधाई दी है।

तेलंगाना का काकतीय रुद्रेश्‍वर मंदिर(Kakatiya Rudreshwara Temple) अब विश्‍व धरोहर में शामिल हो गया है। काकतीय रुद्रेश्‍वर मंदिर को यूनेस्‍को की वर्ल्‍ड हेरिटेज साइट में जगह मिली है। रामप्‍पा मंदिर के नाम से भी पहचाना जाने वाला यह मंदिर 800 साल पुराना है। इस उपलब्‍धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को बधाई दी है।

मार्को पोलो ने काकतीय वंश के दौरान बने इस मंदिर को तमाम मंदिरों में सबसे चमकता तारा कहा था। UNESCO ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी देते हुए लिखा- 'यूनेस्‍को वर्ल्‍ड हेरिटेज साइट में काकतीय रुद्रेश्‍वर (रामप्‍पा) मंदिर को शामिल किया गया है। बेहतरीन इंडिया...।' 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस खुशी के मौके ट्वीट कर लिखा, 'शानदार! सभी देसवासियों खासकर तेलंगाना की जनता को बधाई। प्रतिष्ठित रामप्पा मंदिर महान काकतीय वंश के उत्कृष्ट शिल्प कौशल को प्रदर्शित करता है। मैं आप सभी से इस राजसी मंदिर परिसर की यात्रा और इसकी भव्यता का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करने का आग्रह करता हूं।'

तेलंगाना के मंत्री केटी रामा राव ने भी खुशी जताई है। उन्‍होंने ट्वीट कर लिखा, 'आप सभी के साथ अच्‍छी खबर शेयर कर रहा हूं कि तेलंगाना के 800 साल पुराने काकतीय रुद्रेश्‍वर मंदिर को विश्‍व धरोहर में शामिल किया गया है। इस प्रयास में शामिल सभी लोगों को मैं बधाई देता हूं।'

रुद्रेश्वर मंदिर का निर्माण 1213 ईस्वी में काकतीय साम्राज्य के शासनकाल के दौरान कराया गया था। यह मंदिर रेचारला रुद्र ने बनवाया था जो काकतीय राजा गणपति देव के एक सेनापति थे। इसके शिल्‍पकार थे रामप्पा। जिन्होंने 40 साल तक मंदिर के लिए काम किया था। उन्‍हीं के नाम पर इस मंदिर का नाम रखा गया। यह भगवान शिव को समर्पित मंदिर है और मंदिर के देवता रामलिंगेश्वर स्वामी हैं।

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