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अयोध्या इसलिए सजा है नीले अपराजिता के फूलों से, जानें इन फूलों का धार्मिक महत्व

Updated Aug 05, 2020 | 07:39 IST

Blue Aparajita Flowers : राम मंदिर के भूमि पूजन पर अयोध्या को 400 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। इन रंग-बिरंगे फूलों से सबसे ज्यादा फूल नीले अपराजिता के फूल हैं। ये फूल भगवान की पूजा में विशेष महत्व रखते हैं।

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Significance of Aparajita flowers,अपराजिता फूल का महत्व
मुख्य बातें
  • नीले अपराजिता के फूल धारण करने से अपराजित रहने का मिलता है वरदान
  • भगवान श्रीराम को बेहद प्रिय माना गया है अपराजिता के फूल
  • अपराजिता के फूल चढ़ाने से शनि और भगवान शिव भी प्रसन्न होते हैं

राम जन्म भूमि को सजाने के लिए देश ही नहीं विदेशों से भी फूल मंगाए गए हैं। लाल, नारंगी और डबल टोन वाले गेंदे के फूलों के अलावा सबसे विशेष फूल नीले अपराजिता के मंगाए गए हैं। अयोध्या नगरी में इन नीले अपराजिता (विष्णुकांता) के फूलों का महत्व हमेशा से रहा है। धार्मिक लिहाज से भी नीले अपराजिता के फूल बहुत मायने रखते हैं। खास कर भगवान विष्णु की पूजा के साथ माता दुर्गा और भगवान शिव की पूजा में इन फूलों को चढ़ाने का बहुत पुण्यलाभ होता है। तो आइए जानें की नीले अपराजिता का महत्व इतना क्यों है।

इस फूल को धारण करने का होता है अद्भुत लाभ   

अपराजिता का फूल धारण करने से कभी नहीं होती पराजय नहीं होती और यही कारण है कि भगवान श्रीराम को अपराजिता का फूल बेहद प्रिय है। मोर के पंख के रंग के समान नजर आने वाला यह फूल भगवान विष्णु का सबसे प्रिय फूल माना गया है। यही नहीं इस फूल को शनिदेव को चढ़ाने से शनि की साढ़े साती या महादशा से मिल रहे कष्ट से भी राहत मिलती है। मान्यता है कि यदि इस फूल को धारण कर के कोई भी कार्य किया जाए तो वह असफल नहीं होता है।

घर में जरूर लगाना चाहिए ये फूल

पराजिता के फूल जिस घर में लगाया जाता है वहां मानसिक सुख और सुख-शांति का वास होता है। अपराजिता के नीले फूल से यदि भगवान विष्णु की पूजा की जाती है तो मनुष्य को अपराजित रहने का वरदान मिलता है। यही कारण है कि अयोध्या में राम जन्म भूमि पूजन के सुअवसर पर पूरे शहर को नीले अपराजिता के फूलों से सजाया जा रहा है। शहर को लगभग 400 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। आयोध्या को सजाने के लिए देश ही नहीं विदेश से भी फूल आ रहे हैं। थाईलैंड से कई तरह के फूल भी लाए गए हैं। नीले अपराजिता के अलावा नारंगी और लाल रंग के डबल-टोंड गेंदा के फूल कोलकाता से मंगाए गए हैं।

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