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Raksha Bandhan 2022 Muhurat: भद्र मुहूर्त में भूलकर भी न बंधवाएं राखी, जानिए रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त

Updated Jul 06, 2022 | 21:31 IST

Raksha Bandhan Shubh Muhurat: रक्षाबंधन भाई बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इस दिन बहन अपने भाई के हाथों में रक्षा सूत्र बांधती है। इस साल रक्षाबंधन 11 अगस्त गुरुवार के दिन पड़ रहा है।

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तस्वीर साभार:&nbspInstagram
Raksha Bandhan 2022
मुख्य बातें
  • इस साल रक्षाबंधन का त्योहार 11 अगस्त दिन गुरुवार को मनाया जाएगा
  • रक्षाबंधन के पावन त्योहार में बहने अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधते हैं
  • बहन भाई से अपने जीवन की रक्षा का वचन लेती है

Raksha Bandhan 2022 Bhadra Time: रक्षाबंधन का पावन त्योहार भाई बहनों का त्यौहार होता है। रक्षाबंधन का त्योहार हर साल सावन के महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस साल रक्षाबंधन का त्योहार 11 अगस्त दिन गुरुवार को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन के पावन त्योहार में बहने अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधते हैं। बहन भाई से अपने जीवन की रक्षा का वचन लेती है। रक्षाबंधन का त्योहार भाई बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इस दिन राखी बंधवा कर भाई बहनों को उपहार भी देते हैं। आइए जानते हैं कब है रक्षाबंधन, शुभ मुहूर्त व इस दिन भद्र काल में राखी क्यों नहीं बांधी जाती है।

जानिए, शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त दिन गुरुवार को सुबह 10 बजकर 38 मिनट से प्रारंभ हो रहा है। यह तिथि अगले दिन 12 अगस्त शुक्रवार को सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक रहेगी। इस साल रक्षाबंधन 11 अगस्त को मनाया जाएगा।

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भद्रा का समय

  • भद्रा पुंछ- शाम 5 बजकर 17 मिनट से 6 बजकर 18 मिनट तक
  • भद्रा मुख- शाम 6 बजकर 18 मिनट से 8 बजे तक.
  • भद्रा समाप्ति- रात 8 बजकर 51 मिनट पर

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इसलिए नहीं बांधी जाती भद्र काल में राखी

हिंदू धर्म के मुताबिक भद्र काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है, इसलिए भद्र काल के समय रक्षाबंधन भी बांधना उचित नहीं होता है। शास्त्रों में भद्राकाल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है। पौराण‍िक मान्‍यताओं के अनुसार लंकापति रावण ने अपनी बहन से भद्रा में राखी बंधवाई और एक साल के अंदर उसका विनाश हो गया। इसलिए इस समय को छोड़कर ही बहनें अपने भाई के राखी बांधती हैं।

यह भी कहा जाता है कि भद्रा शनि महाराज की बहन है। उन्हें ब्रह्माजी जी ने शाप दिया था कि जो भी व्यक्ति भद्रा में शुभ काम करेगा, उसका परिणाम अशुभ ही होगा। इसके अलावा राहुकाल में भी राखी नहीं बांधी जाती है।  रक्षाबंधन का त्योहार शुभ मुहूर्त में ही बहन भाई के कलाई में राखी बांधती हैं।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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