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Hanuman Jayanti पर बजरंग बली से लें मैनेजमेंट का ज्ञान, आगे बढ़ने में बहुत आएगा काम

मेधा चावला | SENIOR ASSOCIATE EDITOR
Updated Apr 08, 2020 | 10:18 IST

Hanuman Ji Life Lessons on Hanuman Jayanti : हनुमान जी को श्रीराम का भक्‍त माना जाता है। अपने ईष्‍ट के प्रत‍ि श्रद्धा रखने के साथ ही हनुमान जी से प्रैक्‍ट‍िकल लाइफ से जुड़ी बहुत सी बातें सीखी जा सकती हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
जीवन के कई अहम गुर स‍िखाते हैं हनुामन जी
मुख्य बातें
  • श्रीराम के अनन्‍य भक्‍त माने जाते हैं हनुमान
  • बलशाली होने के साथ ही मेधावान भी हैं बजरंगबली
  • आम जीवन की बहुत सी बातें उनके जीवन से सीखी जा सकती हैं

बजरंगबली से जुड़े क‍िस्‍से तो हम सभी बचपन से सुनते आ रहे हैं। पुराणों में हनुमान जी को अत्‍यंत बलशाली और बुद्ध‍िमान बताया गया है। वैसे हनुमान जी से जुड़ी कहान‍ियों का अगर बारीकी से अध्‍ययन करेंगे तो जानेंगे क‍ि आम जीवन से जुड़ा बहुमूल्‍य ज्ञान उनसे मिल सकता है। यहां जानें क‍ि आप उनसे क्‍या सीख कर जीवन की आम उलझनें आसानी से दूर कर सकते हैं - 

1. लीडरश‍िप का गुण
समुद्र में पुल बनाते समय अपेक्षित कमजोर और उच्चश्रृंखल वानर सेना से भी कार्य निकलवाना उनकी विशिष्ठ संगठनात्मक योग्यता का परिचायक है। ये बातें उनकी नेतृत्‍व क्षमता को दिखाती हैं।

2. समर्प‍ित रहो
हनुमान जी के व्‍यक्‍त‍ित्‍व से हमें लगन और समर्पण सीखने को मिलता है। हनुमान जी के ब्रह्मचर्य के समक्ष कामदेव भी नतमस्तक थे। यह सत्य है कि श्री हनुमान विवाहित थे, परन्तु उन्होंने यह विवाह अपने गुरु भगवान् सूर्यदेव के आदेश पर किया था।

3. बातचीत का हुनर 
सीता जी से हनुमान पहली बार रावण की 'अशोक वाटिका' में मिले, इस कारण सीता उन्हें नहीं पहचानती थीं। एक वानर से श्रीराम का समाचार सुन वह आशंकित भी हुईं, परन्तु हनुमान जी ने अपने 'संवाद कौशल' से उन्हें भरोसा दिला ही दिया।

4. तेज द‍िमाग  
हनुमान जी ने समुद्र पार करते समय सुरसा से लड़ने में समय नहीं गंवाया। हनुमान जी ने पहले अपने शरीर का आकार बढ़ाया, फिर छोटा रूप कर लिया। इस तरह सुरसा के मुंह में प्रवेश कर बाहर आ गए।

5. समस्‍या का समाधान ढूंढो 
लक्ष्मण के प्राणों की रक्षा के लिए हनुमान जी पूरा पहाड़ उठा लाए, क्योंकि वह संजीवनी बूटी नहीं पहचानते थे। हनुमान जी यहां हमें सिखाते हैं कि मनुष्य को हर समस्या का समाधान सोचकर चलना चाह‍िए। 

6. अपनी वैल्‍यूज पर ट‍िको
लंका में रावण के उपवन में हनुमान जी पर मेघनाथ ने 'ब्रह्मास्त्र' का प्रयोग किया। हनुमान जी इसका तोड़ निकाल सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, क्योंकि वे ब्रह्मास्त्र का महत्व कम नहीं करना चाहते थे।

7. जैसे हालात, वैसा कदम
सीता जी के सामने हनुमान ने खुद को लघु रूप में रखा, क्योंकि यहां वह पुत्र की भूमिका में थे। परन्तु संहारक के रूप में वह राक्षसों के लिए काल बन गए। हालात देखकर कदम उठाना हनुमान से सीखना चाहिए।

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