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Aak Plant: आक के पेड़ में भगवान गणेश का होता है वास, जानें वास्तु से जुड़े इसके फायदे

Updated Jun 16, 2022 | 00:06 IST

Ganesh ji Plant Aak In House: हिंदू धर्म में आक के पेड़ का विशेष महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि पेड़ में गणेश जी का वास होता है।भगवान शिव को आक व मदार के पेड़ के पुष्प काफी प्रिय होते हैं। घर में आक के पौधे को लगाना शुभ माना जाता है।

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तस्वीर साभार:&nbspInstagram
aak tips
मुख्य बातें
  • हिंदू मान्यता है कि पेड़ पौधे में देवी देवताओं का वास होता है
  • आक के फूल भगवान भोलेनाथ को अति प्रिय होते हैं
  • धार्मिक मान्यता के अनुसार आक के पौधे में स्वयं गणेश जी का निवास होता है

Madar or Aak Tree Benefits: हिंदू धर्म में हर पेड़ पौधे का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि पेड़ पौधे में देवी देवताओं का वास होता है। पूजा- पाठ में भी कुछ पौधों की पत्तियां जरूर इस्तेमाल की जाती है, वहीं कई पेड़ों को भी पूजा जाता है- जैसे, तुलसी, नीम, पीपल, बरगद, केले का पेड़ आदि। इन्हीं में से एक है मदार का पेड़। मदार को आक व अकउआ भी कहा जाता है।

आक के फूल भगवान भोलेनाथ को अति प्रिय होते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार आक के पौधे में स्वयं गणेश जी का निवास होता है। पूजा पाठ में इस पौधे का विशेष महत्व होता है। कहा जाता है कि अगर व्यक्ति शुभ मुहूर्त में आक के पौधे को घर में लगाता है तो सारी परेशानियां दुख संकट दूर हो जाते हैं। आइए जानते हैं इस पौधे से जुड़ी विशेष बातों को...

बुरी नजर से बचाता है यह पौधा

आक या मदार के पौधे को अगर आप घर में लगाते हैं तो उसे शुभ मुहूर्त में ही घर पर लाएं। हिंदू धर्म में मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में इसे लाकर इसकी पूजा करनी चाहिए और पूजा करते समय गणपति मंत्र का उच्चारण जरूर करना चाहिए। इससे भगवान गणपति की विशेष कृपा होती है। इसे घर में लगाने से बुरे प्रभाव का असर कभी भी घर के सदस्यों पर नहीं पड़ता है।

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इस उपाय से दूर हो जाएंगी परेशानियां

अगर परिवार के सदस्य लगातार कई परेशानियों से जूझज रहे हैं तो इसकी जड़ को अभिमंत्रित करके बुधवार को दायीं भुजा पर बांध लें। साथ ही गणेश जी का सौभाग्य वर्धक संकटनाशन स्तोत्र का जाप करें। इससे आपकी किस्मत के द्वार खुल जाएंगे।

बीमारियों का लगाया जा सकता है पता

आक के पौधे की विशेषता यह है कि यह किसी भी बंजर भूमि में पनप जाता है। ऐसी भी मान्यता है कि अगर व्यक्ति की बीमारी लंबे समय तक पकड़ में नहीं आ रही है तो आक की जड़ की मदद से बीमारी का पता लगाया जा सकता है। इसके लिए रविवार को पुष्य नक्षत्र में आक की जड़ को गंगाजल से धोने के बाद इस पर  सिंदूर लगाएं और गुग्गल की धूप दें। गणेशजी के 108 मंत्र का जाप करें औऱ् जड़ को रोगी के सिर के ऊपर से 7 बार उतारकर शाम को किसी सुनसान जगह पर गाड़ दें।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।) 

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