- ऊं नम: शिवाय के जाप से तन और मन से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं
- अनचाहे भय से मुक्त हो मिलती है अपार शक्ति
- ये मंत्र कई बीमारियों में दवा जैस काम करता है
ऊं नम: शिवाय एक औषधीय मंत्र है। ऊं मन से निकल कर ब्रह्मांड की ध्वनि से मिल जाता है। ऊं नमः शिवाय शांति और पवित्रता की भावना पैदा करता है। इस मंत्र के जाप से आंतरिक शक्ति मिलती है। जब भी मन व्यथित हो या बेचैनी महसूस हो आपको इस मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से चित शांत होता है और आप खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं। ये मंत्र आसपास की नहीं, बल्कि जप करने वाले के
अंदर की नकारात्मकता को भी दूर करता है। ये मंत्र आपके अहंकार और आक्रामकता को खत्म कर सही रास्ता दिखाता है। ज्योतिष के अनुसार, यह मंत्र नकारात्मक ग्रहों के हानिकारक प्रभावों को कम करता है ।
ऊं नम: शिवाय मंत्र के जाप के फायदे
ॐ को ब्रह्माण्ड की आवाज माना गया है। इसके जाप से शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक और बौद्धिक शांति प्रदान होती है और निरंतर जाप से हमारी आत्मा सक्रिय हो जाती है, जिससे शरीर में नई चेतना व ऊर्जा पैदा होती है। शरीर में मौजूद मृत कोशिकाएं भी पुनः जीवित हो जाती है। मन-मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
रिसर्च एंड इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरो साइंस के प्रमुख प्रोफेसर जे. मार्गन की रिपोर्ट भी बताती है कि इस मंत्र का उच्चारण करने से शरीर रोग व तनावमुक्त हो जाता है। दिल और दिमाग के रोगों में जादूई तरीके से काम करता है।
ये हैं इस मंत्र के आध्यात्मिक फायदे
- ये मंत्र अनजाने भय को दूर करता है। साहस और उत्साह भरता है। इस मंत्र के अभ्यास से मृत्यु के भय को भी जीता जा सकता है।
- ये मंत्र मनुष्य को जीवन चक्र का रहस्य समझने में मदद करता है। मोक्ष प्राप्ति का साधन है। ॐ शब्द में त्रिदेवों का वास माना गया है।
- सभी मंत्रों से पहले इस मंत्र का उच्चारण करने से सभी तरह की बाधाएं दूर होती है।
- काम, क्रोध, घृणा, मोह, लोभ, भय, विषाद खत्म होता है।
इस मंत्र को जपने से होते हैं सेहत के ये फायदे
- इस मंत्र के उच्चारण से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।
- तनाव और शरीर के विषैले तत्व दूर होते हैं।
- थकान, घबराहट दूर होती है।
- पाचन तंत्र की शक्ति मजबूत होती है।
- इस मंत्र को जपने की ध्वनि पेट, सीने और नासिका में कंपन पैदा करती है जिससे मन शांत होता है और एकाग्रता आती है। इससे गले, पेट, छाती और नाक की समस्या भी दूर होती है।
- इस मंत्र से हाइपर टेंशन, थाईराइड, हाई बीपी, मोटापा, हृदय रोग, शारीरिक दर्द, आलस्य, अनिद्रा भी दूर होता है।
कैसे करें मंत्र का जाप
इस मंत्र का जाप कभी भी किसी भी समय किया का सकता है। पूर्व की तरफ मुख कर के जाप करना उत्तम माना जाता है। इस मंत्र का अभ्यास सुखासन, पद्मासन, अर्धपद्मासन, वज्रासन आदि में बैठकर भी कर सकते हैं।