- मकर संक्रांति के दिन सूर्य देवता की उपासना की जाती है।
- संक्रांति के दिन सूर्य देव दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर प्रस्थान करते हैं।
- मकर संक्रांति के दिन मंत्र के साथ सूर्य देवता को अर्घ्य देने से विशेष फल की प्राप्ति होती हैं।
Makar Sankranti 2022, Surya Arghya Niyam And Mantra: हिंदू धर्म में मकर संक्रांति के दिन सूर्य देवता को अर्घ्य देने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। शास्त्र में सूर्य देवता को ज्ञान, अध्यात्म और प्रकाश का प्रतीक माना जाता हैं। इस वर्ष मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाएगी। हिंदू शास्त्र के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सूर्य देवता दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर प्रस्थान करते हैं।
हिंदू धर्म में मकर संक्रांति के बाद ही सभी शुभ कार्य प्रारंभ होते हैं। मकर संक्रांति के दिन सूर्य देवता की विशेष अर्चना अर्घ्य देकर की जाती है। यदि आप भी मकर संक्रांति के दिन सूर्य देवता को अर्घ्य देना चाहते है, तो यहां आप अर्घ्य देने के शुद्ध नियम और मंत्र पढ़ सकते हैं।
सूर्य देवता को अर्घ्य देने के नियम
- मकर संक्रांति के दिन सूर्य देवता को अर्घ्य देने से पहले शुद्ध हो जाए।
- अब उगते हुए सूर्य भगवान के तरफ मुंह करके कुश का आसन लगाएं।
- अब उस आसन पर खड़े होकर तांबे के पात्र में जल लें।
- अब उस जल में मिश्री डाल लें। ऐसी मान्यता है कि सूर्य भगवान को मीठा जल देने से जन्मकुंडली के दोषीमंगल दूर हो जाते है।
- मंगल शुभ होने पर ही उसकी शुद्धता में प्रगति होती है
- जब भगवान की पहली किरण दिखनी शुरू हो जाए, तो आप अपने दोनों हाथों से तांबे के लोटे को पकड़कर सूर्य देवता को धार पूर्वक जल चढ़ाएं।
- जल ऐसे चढ़ाएं की जमीन पर न गिरे। जमीन पर जल गिरने से धरती को ऊर्जा मिलेगी आपको नहीं।
- सूर्य को अर्घ्य देते समय 'ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:' मंत्र को 11 बार पढ़ें।
- अब 'ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।' मंत्र को 3 बार पढ़ें।
- इसके बाद सीधे हाथ की अंजुरी में जल लेकर अपने चारों ओर जल को छिटे।
- अब अपने स्थान पर ही 3 बार परिक्रमा करें।
- अब आसन उठाकर उस स्थान को प्रणाम करें।
- तांबे के लोटे में रोली, चंदन, लाल पुष्प, चावल, गुड़ आदि मिलाकर सूर्य देवता को अर्घ्य दें। ऐसा करने से सूर्य देवता की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
मकर संक्रांति सूर्य मंत्र
1. ॐ सूर्याय नम: ।
2. ॐ आदित्य: नम:।
3. ॐ सप्तार्चिषे नम:।
4. ॐ ऋगमंडलाय नमः।
5. ॐ सवित्रे नमः।
6. ॐ वरुणाय नमः।
7. ॐ सप्तसप्त्य नमः।
8. ॐ मार्तण्डाय नमः।
9. ॐ विष्णवे नमः।
10. ॐ घृणि सूर्याय नम:।
11. ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
12. ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।
13. ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः।
14. ॐ घृणि सूर्यादित्योम
15. ॐ ह्रां, ह्रीं, ह्रौं स: सूर्याय नमः
सूर्य देव के ये सभी मंत्र बेहद प्रभावशाली हैं, इन मंत्रों का जाप करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।