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Kheer Bhawani Temple: अचंभे में डाल देगी खीर भवानी मंदिर की कहानी, आपदा से पहले बदलता है कुंड के पानी का रंग

Updated Aug 10, 2021 | 15:24 IST

Mata Kheer Bhawani Temple: भारत के कई प्रसिद्ध मंदिरों में से एक माता खीर भवानी मंदिर कश्मीर की वादियों में स्थित है। इस मंदिर में घटित होने वाली चमत्कारी घटनाएं वैज्ञानिकों को भी अचरज में डाल देती हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspTimes of India
दुर्लभ है माता खीर भवानी का मंदिर, आपदा का ऐसे देता है संदेश
मुख्य बातें
  • कश्मीर की वादियों में चिनार के पेड़ों से घिरा है देवी खीर भवानी का यह प्रतिष्ठित मंदिर। 
  • किसी भी आपदा से पहले कुंड का रंग बदलकर माता खीर भवानी देती हैं संदेश। 
  • कारगिल युद्ध के दौरान भी बदल गया था इस कुंड के पानी का रंग। 

Mata Kheer Bhawani Temple: भारत के पवित्र धरती पर कई ऐसे मंदिर स्थित हैं जो अपने दुर्लभ चमत्कारों के वजह से प्रसिद्ध हैं। इन्हीं मंदिरों में से एक माता खीर भवानी मंदिर है जो कश्मीर की वादियों में चिनार के पेड़ों से घिरा हुआ है। यह मंदिर अपनी प्राकृतिक सुंदरता, चमत्कार और धार्मिक आस्था के कारण प्रख्यात है। मान्यताओं के अनुसार, यह मंदिर दिव्य शक्तियों से परिपूर्ण है। ऐसा कहा जाता है कि जब भी कश्मीर पर कोई मुसीबत आने वाली होती है तब माता खीर भवानी आपदा के आने का संदेश देती हैं। जब भी कोई संकट आता है तब इस मंदिर में स्थित कुंड का पानी अपना रंग बदलने लग जाता है। लोगों का मानना है कि इस मंदिर की जड़ें रामायण काल से जुड़ी हुई हैं। इस चमत्कार के आगे विज्ञान ने भी अपने घुटने टेक दिए हैं। श्रद्धालु यहां दूर-दूर से मां दुर्गा के राग्या रूप के दर्शन करने आते हैं।

चलिए, देवी खीर भवानी और इस मंदिर से जुड़ी सभी रोचक बातों को विस्तार से जानते हैं।

विपदा का आभास देता है यह मंदिर 

श्रद्धालुओं का मानना है कि, यह मंदिर दिव्य शक्तियों से परिपूर्ण है और यहां पर स्थित कुंड चमत्कारी है। जब भी कश्मीर के ऊपर काले बादल छाने लगते हैं तब कुंड के पानी का रंग काला या लाल हो जाता है। जब 2014 में भयंकर बाढ़ से कश्मीर प्रभावित हुआ था। तब लोगों का कहना था कि इस कुंड का पानी काला हो गया था। दूसरी ओर, जब कारगिल युद्ध छिड़ गया था तब इस कुंड का पानी लाल रंग में बदल गया था। इसके साथ, आर्टिकल 370 के हटने से इस कुंड का पानी हरा हो गया था। ऐसी मान्यता है कि जब इस कुंड का पानी हरा हो जाता है तब यह खुशहाली का संकेत है।

रावण से नाराज होकर कश्मीर आई थीं देवी खीर भवानी

पौराणिक कथाओं के अनुसार, रावण, देवी खीर भवानी का परम भक्त था। मगर, जब, रावण ने देवी सीता का हरण किया था तब रावण से नाराज होकर माता खीर भवानी लंका से कश्मीर आ गई थीं। यह भी कहा जाता है कि देवी खीर भवानी ने राम भक्त हनुमान से यह अनुरोध किया था कि उनकी प्रतिमा को किसी दूसरे स्थान पर स्थापित कर दिया जाए। देवी की बात मानकर हनुमान जी ने उनकी प्रतिमा को कश्मीर के तुलमुल जगह पर स्थापित कर दिया था।

खीर का भोग लगाते हैं श्रद्धालु

देवी खीर भवानी के दर्शन करने के साथ श्रद्धालु उन्हें खीर का भोग लगाते हैं। ऐसी मान्यता है कि खीर का भोग लगाने से देवी खीर भवानी अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं। यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को खीर का प्रसाद बांटा जाता है। 

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