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Mauni Amavasya 2022: अमावस्या पर ये 5 कार्य बना देंगे मालामाल, जानें इस दिन कौन से कार्य माने गए हैं वर्जित 

Updated Feb 01, 2022 | 06:19 IST

Mauni Amavasya 2022 Date, Puja Vidhi And Rules: वर्ष 2022 में मौनी अमावस्या की तिथि 31 दिसंबर से प्रारंभ होकर 1 फरवरी को समाप्त हो रही है। मौनी अमावस्या पर कुछ चीजें करना लाभदायक माना गया है वहीं इस दिन कुछ कार्य निषेध माने गए हैं।

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मौनी अमावस्या 2022 (Pic: iStock)
मुख्य बातें
  • मौनी अमावस्या सनातन धर्म में मानी गई है बहुत शुभ।
  • सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए इस दिन करें लेख में दिए 5 कार्य।
  • मौनी अमावस्या पर गलती से भी ना करें यह कार्य।

Mauni Amavasya 2022 Date, Puja Vidhi, Shubh Muhurat And Rules In Hindi: वर्ष 2022 में मौनी अमावस्या की तिथि 31 जनवरी से प्रारंभ हो रही है जो 1 फरवरी को समाप्त हो जाएगी। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, माघ मास में पड़ने वाली अमावस्या तिथि बेहद महत्वपूर्ण मानी गई है। पुण्यदायिनी मौनी अमावस्या तिथि पर स्नान, दान और तर्पण का विशेष महत्व है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन स्नान करने के बाद दान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है तथा घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। पुराने ग्रंथों के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन मनु ऋषि का जन्म हुआ था। इस दिन कुछ कार्य करना बेहद लाभदायक माना गया है। वहीं, कुछ कार्य निषेध माने गए हैं जिन्हें भूलकर भी नहीं करना चाहिए।

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मौनी अमावस्या पर करें यह कार्य

चांदी के नाग-नागिन की करें पूजा 

मौनी अमावस्या सनातन धर्म विशेष मानी गई है इस दिन चांदी के नाग-नागिन की पूजा करने का भी महत्व है। माना जाता है कि इस दिन चांदी के नाग-नागिन की पूजा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। पूजा करने के बाद नाग-नागिन के इन स्वरूपों को सफेद फूलों के साथ नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए। 

पवित्र नदी में करें स्नान

अमावस्या तिथि पवित्र नदियों या सरोवर में स्नान करने के लिए विशेष मानी जाती है। मौनी अमावस्या तिथि पर पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करने के बाद भगवान शिव की पूजा अवश्य करें। पूजा के समय शिव तांडव स्त्रोत का पाठ भी करें इससे कालसर्प दोष दूर होता है। अगर आप इस दिन पवित्र नदी में स्नान नहीं कर सकते हैं तो घर में ही अपने नहाने के पानी में गंगा जल मिला दें और नीचे दिए गए मंत्र का 108 बार स्नान करते समय जाप करें। इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें।

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स्नान मंत्र : गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती। नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु॥

तुलसी के पौधे के पास जलाएं दीपक

इस दिन तुलसी पूजा करने का भी विशेष महत्व है। मौनी अमावस्या पर शाम के समय तुलसी पूजा करें। तुलसी के पास शुद्ध घी का दीपक जलाएं और 108 बार परिक्रमा करें। मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से समस्त प्रकार के संकटों का नाश होता है तथा जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

ईशान कोण में जलाएं दीपक

लाभ प्राप्ति के लिए मौनी अमावस्या पर इस दिन शाम के समय घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक जलाएं। रुई की बाती की जगह दीपक में लाल धागे का इस्तेमाल करें और केसर की पत्तियां डाल दें। यह उपाय करने से लाभ की प्राप्ति होती है।

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भगवान शिव का करें अभिषेक

मौनी अमावस्या पर 1008 महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना भी फायदेमंद माना गया है। महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने के बाद इस दिन भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि यह उपाय करने से सौभाग्य और धन की प्राप्ति होती है तथा भगवान शिव अपने भक्तों को आर्थिक संकटों से दूर रखते हैं। 

मौनी अमावस्या पर भूलकर भी ना करें यह कार्य

ना करें तकिया का प्रयोग

मौनी अमावस्या पर यदि आप व्रत रख रहे हैं तो आपको इस व्रत के नियम पता होना चाहिए। मौनी अमावस्या पर व्रत रखने वाले लोगों को तकिया का प्रयोग नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें रूई का इस्तेमाल होता है और सोमवती अमावस्या के दिन रूई को नहीं छूना चाहिए।

सुई धागे का इस्तेमाल करने से बचें

मौनी अमावस्या पर लोगों को सुई धागे का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए। इस दिन सिलाई और कटाई से भी दूर रहें। मौनी अमावस्या का व्रत रख रहे लोगों के लिए सुई का इस्तेमाल करना उचित नहीं है।

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ऐसी जगहों पर ना जाएं

मौनी अमावस्या के दिन लोगों को भूलकर भी शमशान घाट और कब्रिस्तान जैसी जगहों पर नहीं जाना चाहिए। कई लोग इस दिन टोना-टोटका भी करते हैं इसलिए नकारात्मक शक्तियों वाली जगह पर जाने से बचें।

ना करें इन लोगों का अपमान

मौनी अमावस्या पर गलती से भी गरीब, असहाय, स्त्री और अपने से बड़ों का अपमान ना करें। ऐसा इसीलिए क्योंकि इन सबका प्रतिनिधित्व स्वयं शनिदेव करते हैं। इसीलिए इस दिन शनि देव को नाराज नहीं करना चाहिए।

गुस्से पर रखे संयम

मौनी अमावस्या के दिन तन, मन और वाणी से किए जाने वाले कार्य पर संतुलन बनाकर रखें। इस दिन अपनी वाणी पर संयम रखें और गुस्सा ना करें। वाद-विवाद, झगड़े और बहसबाजी से दूर रहें। इसके साथ इस दिन भूलकर भी तामसिक भोजन का सेवन ना करें। 

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