- नवरात्रि का पावन पर्व देशभर में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
- नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा की पूजा करने से पहले कलश स्थापित किया जाता है।
- कलश को सुख समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
Navaratri 2021 Kalash Sthapana Date, Puja Vidhi, Muhurat, Timings: नवरात्रि का पावन पर्व देशभर में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इन दिनों लोग शक्ति की देवी मां दुर्गा के नौ अलग अलग स्वरूपों की पूजा अर्चना करते हैं। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना और अखंड दीप प्रज्जवलित की जाती है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कलश को सुख समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। वहीं दैवीय पुराण में कलश को नौ देवियों का स्वरूप माना गया है। कहा जाता है कि कलश के मुख में श्रीहरि भगवान विष्णु, कंठ में रुद्र और मूल में ब्रह्मा जी वास करते हैं। तथा इसके बीच में दैवीय शक्तियों का वास होता है। ऐसे में इस लेख के माध्यम से आइए जानते हैं कलश स्थापना की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
Navratri 2021 Puja Vidhi, Aarti, Muhurat, Samagri, Mantra: Check here
Navratri 2021 kalash sthapana puja muhurat, samagri, vidhi and mantra - कलश स्थापना तिथि और शुभ मुहूर्त
- नवरात्रि कलश स्थापना तिथि: 7 अक्टूबर 2021, बृहस्पतिवार
- कलश स्थापना शुभ मुहूर्त: 06:17Am से 07:07Am तक
ध्यान रहे कि मां दुर्गा की मूर्ति के दाईं तरफ कलश को स्थापित किया जाना चाहिए।
कलश स्थापना के लिए सामग्री, Navratri 2021 Kalash Sthapana samagri
मिट्टी का कटोरा, जौ, साफ मिट्टी, कलश, रक्षा सूत्र, लौंग इलाइची, रोली और कपूर। आम के पत्ते, पान के पत्ते, साबुत सुपारी, अक्षत, नारियल, फूल, फल।
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kalash sthapana vidhi and mantra, घटस्थापना विधि और मंत्र
नवरात्रि के दिन सुबह सूर्योदय से पहले स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूजा स्थल को गंगा जल से पवित्र करें और चौकी पर माता की मूर्ती स्थापित करें। नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा की पूजा करने से पहले कलश स्थापित किया जाता है। मान्यता है कि कलश में दैवीय शक्तियां विराजमान होती हैं। कलश को स्थापित करने से पहले मिट्टी के बर्तन में जौ बोएं तथा उसके बीचों बीच कलश स्थापित करें। इस दौरान ॐ भूम्यै नमः मंत्र का जाप करें। कलश स्थापना से पहले स्वास्तिक बनाएं, इसमें दो सुपारी, मोली, सिक्के और अक्षत डालें। गंगाजल छिड़कते हुए ॐ वरुणाय नमः का जाप करें। फिर माता की लाल चुनरी से लपेट दें। कलश पूजन के बाद नवार्ण मंत्र 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे!' का जाप करें। इसके बाद मां दुर्गा की प्रतिमा के सामने अखंड दीप प्रज्जवलित कर धूप दीप और आरती करें।
Navratri 2021 Puja Vidhi, Timings: जानें पूजा विधि, मुहूर्त और महत्व की संपूर्ण जानकारी
मान्यता है कि नवरात्रि के नौ दिनों तक विधि विधान से मां दुर्गा की पूजा अर्चना करने से देवी दुर्गा भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं और विशेष फल की प्राप्ति होती है।