- गलत कार्य करने वाले लोगों के घर न करें भोजन
- किन्नर को भोजन खिलाएं लेकिन उनके घर न करें भोजन
- सूदखोर और चोर-लुटेरों से बनाएं दूरी
Never Eat Food transgender usury Thief people Home As per Garuda Purana: गरुड़ पुराण वैष्णव संप्रदाय से संबंधित ग्रंथ है। यह सनातन धर्म का ऐसा ग्रंथ है, जिसमें अध्यात्म से लेकर जीवन को बेहतर बनाने के लिए आचार्य कांड का वर्णन किया गया है। गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु के 24 अवतारों का वर्णन ठीक ऐसा किया गया है, जैसाकि श्रीमद्भागवत गीता में है। गरुड़ पुराण में ना सिर्फ जीवन बल्कि मृत्यु के बाद की घटनाओं के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया गया है। इसलिए इस ग्रंथ में बताई गई बातों के बारे में हर व्यक्ति को जानना जरूरी है।
गरुड़ पुराण में 279 अध्याय और 1800 श्लोक है। गरुड़ पुराण में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि हमें किन लोगों के घर पर भोजन नहीं करना चाहिए। अगर आप ऐसे लोगों के घर पर भोजन करते हैं तो सारे पुण्य खत्म हो जाते हैं। आप पाप के भोगी बन जाते हैं और इतना ही नहीं आपको नर्क भी भुगतना पड़ सकता है। इसलिए जानते हैं वो कौन से लोग हैं जिनके घर भूलकर भी भोजन नहीं करना चाहिए।
साहूकार या सूदखोर के घर
साहूकार या सूदखोर जैसे लोग दूसरों की मजबूरी का फायदा उठाते हैं और इसे धन कमाने का जरिया बना लेते हैं। ऐसे लोग असहाय और जरूरतमंद लोगों को मोटे ब्याज पर पैसे देते हैं। लेकिन जब लोग साहूकार के पैसे चुकाने में असमर्थ होते हैं तो उनके मन से साहूकार के लिए बद्दुआएं निकलती है। गरुड़ पुराण के अनुसार ऐसे लोग जिन्हें दूसरों से बद्दुआ मिलती हो उनके घर ना तो भोजन करना चाहिए और ना ही इनसे कुछ लेना चाहिए।
किन्नर या नपुंसक के घर
किन्नरों को आदरपूर्वक भोजन कराना और दान देना बड़ा ही पुण्य का काम माना जाता है। लेकिन ऐसे लोगों के घर खुद भोजन नहीं करना चाहिए। क्योंकि किन्नर कई लोगों से पैसा लेते हैं। इनमें से कई तरह के लोग अच्छे तो कुछ बुरे भी होते हैं। बुरे लोगों से धन अर्जित किए हुए धन से अगर आप भोजन करते हैं तो आप भी पाप के भागी बनते हैं।
रोगी व्यक्ति के घर
कोई व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार है तो ऐसे लोग के घर भोजन कर उन्हें परेशानी नहीं देनी चाहिए। क्योंकि वह शारीरिक रूप से भोजन तैयार करने में असमर्थ होते हैं। वहीं एक कारण यह भी है कि बीमार व्यक्ति के घर पर कई तरह के वायरस और बैक्टीरिया भी होते हैं, जिसका असर भोजन पर पड़ता है। यदि आप ऐसे लोगों के घर भोजन करते हैं तो आप भी बीमार पड़ सकते हैं।
चोर और बदमाश के घर
ऐसे लोग जो अपराधिक कार्यों से जुड़े होते हैं, इनके घर ना सिर्फ भोजन बल्कि इनसे दूरी बनाकर रखनी चाहिए। इन लोगों के घर ना तो भोजन करना चाहिए और ना ही किसी तरह का लेन-देन रखना चाहिए। गरुड़ पुराण के अनुसार, चोर और लुटेरे लोग जो भी धन अर्जित करते हैं, उसमें पीड़ितों की बद्दुआ होती है।
गरुड़ पुराण में बताई गई इन बातों का ध्यान रखें और कभी इस तरह के लोगों के घर भोजन न करें। साथ ही ऐसे लोगों से उचित दूरी भी बनाकर रखें। हमेशा मेहनत से धन कमाने वाले लोग, धन को सदुपयोग करने और ईमानदार व्यक्ति के साथ ही मेलमिलाप रखें। ऐसे लोगों के साथ भोजन करना भी उचित माना गया है।
(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)