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Nirjala Ekadashi: निर्जला एकादशी के दिन क्या पी सकते हैं दूध? जानिए व्रत से जुड़ी ये जरूरी बातें

Updated May 22, 2022 | 15:45 IST

Nirjala Ekadashi date 2022: जेष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में निर्जला एकादशी व्रत पड़ता है। इस साल एकादशी का व्रत 10 जून को पड़ रहा है। निर्जला एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

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तस्वीर साभार:&nbspInstagram
Nirjala Ekadashi Date time
मुख्य बातें
  • एकादशी में भगवान विष्णु की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है
  • इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी जी की भी पूजा अर्चना की जाती है
  • हिंदू धर्म में मान्यता है कि निर्जला एकादशी व्रत बिना पानी पिए रखा जाता है

Nirjala Ekadashi Pooja 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार, साल में 24 एकादशी की होती है और इन सभी का विशेष महत्व होता है। इन 24 में सबसे श्रेष्ठ निर्जला एकादशी होती है। यह 24 एकादशी व्रत के बराबर फल देती हैं। निर्जला एकादशी जेष्ठ माह के शुल्क पक्ष में पड़ती है। इस साल निर्जला एकादशी 10 जून को पड़ रही है। एकादशी में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।

एकादशी भगवान विष्णु को बेहद पसंद है और इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी जी की भी पूजा अर्चना की जाती है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि  निर्जला एकादशी व्रत बिना पानी पिए रखा जाता है। निर्जला एकादशी व्रत में पानी अगले दिन द्वादशी तिथि के सूर्योदय तक पानी नहीं पिया जाता है और ना ही कुछ खाया जाता है। कुछ लोगों के मन में यह बात रहती है कि क्या एकादशी के दिन दूध पिया जा सकता है या नहीं। 

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नहीं करना चाहिए दूध व दही का सेवन
निर्जला एकादशी का व्रत पुरुष और महिला दोनों ही रख सकते हैं। इसके लिए कोई आय सीमा नहीं होती है। इस दिन दूध व पानी पीना वर्जित होता है क्योंकि दूध, दही व शहद से सूर्योदय से पहले उठकर भगवान विष्णु जी को स्नान कराया जाता है। इसीलिए इस दिन दूध, दही व पानी का सेवन नहीं करना चाहिए।

अगले दिन न करें चावल का सेवन
निर्जला एकादशी का व्रत बाकी व्रत से थोड़ा कठिन होता है। निर्जला एकादशी के दिन जल का त्याग करना पड़ता है। इस दिन व्रत रखने वाले को जल का सेवन नहीं करना चाहिए। व्रत के पारण के बाद ही जल का सेवन किया जाता है। इसके साथ ही निर्जला एकादशी में अगले दिन व्रत तोड़ने के लिए चावल का सेवन भी नहीं करना चाहिए। इस दिन सात्विक भोजन ही ग्रहण करें। 

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।) 

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