लाइव टीवी

Pitru Paksha 2022: इन पांच तीर्थ स्थलों पर श्राद्ध करने का है विशेष महत्व, पितरों की आत्मा को मिलती है शांति

Updated Sep 10, 2022 | 06:13 IST

Pitru Paksha 2022: ऐसा कहते हैं कि पितृपक्ष में पितरों का तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। इस अवधि में हमारे पूर्वज हमें आशीर्वाद देने धरती पर आते हैं। इससे हमारे जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। देशभर में ऐसे कई प्रमुख तीर्थ स्थल हैं, जहां पिंडदान या तर्पण करने से हमारे पूर्वज बहुत प्रसन्न होते हैं।

Loading ...
इन 5 तीर्थ स्थलों पर श्राद्ध करने का है विशेष महत्व
मुख्य बातें
  • इन 5 जगहों पर श्राद्ध करने का विशेष महत्व
  • हर साल लाखों लोग करने आते हैं पिंडदान
  • 10 सितंबर से शुरू होने वाले हैं पितृपक्ष

Pitru Paksha 2022 Tirth Sthal: 10 सितंब से पितृपक्ष शुरू होने वाला है जो अगले दिन 25 सितंबर तक रहेगा। इस बार कुल 16 दिन श्राद्ध कर्म किए जाएंगे। इस बीच 17 सितंबर को कोई श्राद्ध नहीं किया जाएगा। ऐसा कहते हैं कि पितृपक्ष में पितरों का तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। इस अवधि में हमारे पूर्वज हमें आशीर्वाद देने धरती पर आते हैं। इससे हमारे जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। देशभर में ऐसे कई प्रमुख तीर्थ स्थल हैं, जहां पिंडदान या तर्पण करने से हमारे पूर्वज बहुत प्रसन्न होते हैं। आइए आज आपको ऐसे पांच प्रमुख तीर्थ स्थलों के बारे में बताते हैं।

1. गया (बिहार)

बिहार के गया जिले को देवभूमि या मोक्ष की भूमि का जाता है। हर साल पितृपक्ष में यहां पिडदान करने और या पितरों का श्राद्ध करने लाखों लोग आते हैं। ऐसा कहा जाता है कि पितृपक्ष में स्वयं भगवान विष्णु यहां विराजमान रहते हैं।

2. हरिद्वार (उत्तराखंड)

 हरिद्वार के उत्तराखंड को भी देवों की भूमि कहा जाता है। यहां शांति कुंज कई बरसों से श्राद्ध कार्य किए जाते हैं। ऐसा कहते हैं कि उत्तराखंड की देवभूमि पर पितरों का श्राद्ध करने से उनकी आत्मा शांति मिलती है।

Also Read: एकादशी के दिन चावल खाने से इस जीव की योनि में जन्म लेता है मनुष्य

3. इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) 

इलाहाबाद के तीर्थराज प्रयाग में गंगा, यमुना और सरस्वती नदी का संगम होता है। हर साल पितृपक्ष में यहां पितरों का तर्पण और पिंडदान के लिए लोगों की भीड़ इकट्ठा होती है।

Also Read: इस वर्ष कब से प्रारंभ हो रहा है पितृ पक्ष? नोट कर लें श्राद्ध की सभी तारीखें

4. काशी (उत्तर प्रदेश)

 उत्तर प्रदेश का काशी भी ऐसे ही तीर्थ स्थलों में शुमार है। काश को भगवान शिव की नगरी कहा जाता है। यहां पिशाचमोचन कुंड में पितरों के श्राद्ध का विशेष महत्व बताया गया है।

5. उज्जैन (मध्य प्रदेश)

पिंडदान और श्राद्ध कार्यों के लिए उज्जैन में शिप्रा नदी के किनारे सिद्धनाथ तीर्थ स्थल की भी बहुत मान्यता है। पितृपक्ष में यहां पितरों का श्राद्ध करने दूर-दूर से लोग आते हैं।

डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल