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Gomed Ratna: गोमेद रत्न धारण करते ही चमक उठती है किस्मत, जानें इसके लाभ और नियम

Updated Sep 20, 2022 | 19:56 IST

Gomed Ratna: रत्न शास्त्र में गोमेद रत्न पहनना बहुत ही शुभ बताया गया है। ये राहु का रत्न होता है जिसे कनिष्का अंगुली में पहना जाता है। इसे पहनने से जीवन की तमाम समस्याओं और बीमारियों से बचाव होता है। लेकिन गोमेद को हर इंसान नहीं पहन सकता। आइए जानते हैं इससे पहनने के नियम और फायदे क्या होते हैं।

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अंगुली में गोमेद रत्न धारण करने के फायदे
मुख्य बातें
  • गोमेद रत्न धारण करते ही जाग उठेगी सोई तकदीर
  • राहु का रत्न होता है गोमेद
  • जानें, किन लोगों के लिए माना जाता है शुभ

Gomed Ratna: रत्न शास्त्र में गोमेद रत्न का विशेष महत्व बताया गया है। गोमेद राहु का रत्न होता है और ज्योतिष शास्त्र में राहु को पाप ग्रह माना गया है। ऐसा कहते हैं कि इस रत्न को धारण करने से कई तरह की बीमारियों और समस्याओं का अंत होता है। लेकिन ये रत्न सभी लोग धारण नहीं कर सकते हैं। इसे धारण करने से पहले इसके नियम और सावधानियों का विशेष ख्याल रखा जाना चाहिए। आइए जानते हैं कि गोमेद रत्न के फायदे क्या हैं और किन राशियों को इसे धारण करना चाहिए।

यदि कुंडली में राहु की महादशा हो या शत्रुओं को पराजित करना हो तो गोमेद रत्न धारण करना उत्तम माना जाता है। यदि आपके बने-बनाए काम बिगड़ जाते हैं या मंगल पर शनि और राहु की दृष्टि होने से बीमारियों का खतरा रहता है तो भी इस चमत्कारी रत्न को धारण करना अच्छा माना जाता है।

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किन्हें धारण करना चाहिए गोमेद रत्न?

रत्न शास्त्र के अनुसार वृष, मिथुन, कन्या, तुला और कुंभ राशि के जातक इस रत्न को धारण कर सकते हैं। राजनीतिज्ञ, जासूस या तंत्र-मंत्र सिद्ध करने वाले भी इसे धारण कर सकते हैं। गोमेद रत्न को अष्टधातु या चांदी की अंगूठी में जड़वाकर पहनना अच्छा माना जाता है। राहु के इस रत्न को हमेशा कनिष्का अंगुली में ही पहनना चाहिए। इसे अंगुली में धारण करने से पहले गंगाजल, दूध, शहद और मिश्री के घोल में रखकर रातभर छोड़ देना चाहिए। अगली सुबह 'ओम रां राहवे नम:' मंत्र का जाप करके इसे धारण करें।

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कौन ना पहनें गोमेद रत्न?

ज्योतिषियों की मानें तो अगर किसी इंसान की कुंडली के 5वें, 8वें, 9वें, 11वें या 12वें भाव में राहु बैठ हो तो उन्हें गोमेद रत्न धारण नहीं करना चाहिए। अगर आपका व्यापार, कोरोबार राहु ग्रह से संबंधित है तो भी इसे पहनने से बचना चाहिए। ऐसी स्थिति में रत्न धारण करने से परिणाम उल्टे मिलेंगे। ये आपकी समस्या हल करने की बजाए, उल्टा मुश्किलें बढ़ा देगा।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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