- रक्षासूत्र को अभिमंत्रित कर भाई को बांधना चाहिए
- रक्षासूत्र बांधते हुए भाई का मुख पूर्व दिशा में होना चाहिए
- पीढ़े पर बिठा कर ही राखी बांधते हुए मंत्र जाप जरूर करें, सही उच्चारण जरूरी है
रक्षासूत्र यानी राखी बांधने से बहन और भाई दोनों की ही रक्षा होती है। बहने अपने भाई को रक्षासूत्र बांध कर विपत्तियों और संकट से बचाने की प्रार्थना करती हैं, वहीं भाई इस रक्षासूत्र के बंधन में बंधकर बहन की रक्षा का वचन देते हैं। रक्षासूत्र को अभिमंत्रित कर बांधना चाहिए और इसके लिए जरूरी है कि जब बहने इसे अपने भाई की कलाई पर बांधे तो एक मंत्र का जाप जरूर करें। इससे रक्षासूत्र अभिमंत्रित होता है और उसमें शक्ति समाहित हो जाती है।
यही नहीं, राखी बांधने की दिशा और विधि भी इस रक्षासूत्र के महत्व को बढ़ाती है। इसलिए रक्षासूत्र को बांधने से पूर्व इसकी विधि और मंत्र को जरूर जान लें।
Raksha bandhan Mantra
रक्षासूत्र बांधते हुए निम्न मंत्र का जाप करें। राखी बांधने से पहले इसे अच्छी तरह पढ़ व समझ लें। इसके सही उच्चारण के बिना शुभ फल नहीं मिलेगा।
'येन बद्धो बलिराजा, दानवेन्द्रो महाबलः तेनत्वाम प्रति बद्धनामि रक्षे, माचल-माचलः'
रक्षासूत्र बांधने की जानें पूरी विधि
- सुबह उठकर स्नान कर बहन और भाई शुद्ध या नए वस्त्र धारण करें।
- बहन चावल के आटे का चौक पूरे और मिट्टी के कलश को वहां स्थापित करे।
- अक्षत, सरसों, रोली को एक साथ मिला कर उसे पूजा की थाली में रखें। इसके बाद इसमें दीप जलाएं और मिष्ठान और रक्षासूत्र रखें।
- भाई को पीढ़े पर आसान दें और भाई का मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। बहन का मुंह पश्चिम दिशा में होना चाहिए।
- अब भाई अपने सिर पर रुमाल रखें और बहन उसके माथे पर टीका लगाएं और दाहिने हाथ पर रक्षासूत्र बांधे। और मंत्र जपें।
- इसके बाद भाई की आरती कर उसका मुंह मीठा कराएं। बहन यदि बहन यदि बड़ी हों तो छोटे भाई को आशीर्वाद दें और यदि छोटी हों तो बड़े भाई को प्रणाम कर आशीर्वाद ग्रहण करें।
- इसके बाद भाई भी बहन का मुंह मीठा कराए और उसे रक्षा का वचन दें। साथ ही बहन को अपने शक्ति अनुसार उपहार दें।
याद रखें रक्षासूत्र हमेशा मुहूर्त पर बांधना चाहिए, क्योंकि समय पर यदि इसे नहीं बांधा जाए तो उसका फल पूरा नहीं मिलता।