- प्रदोष व्रत भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है
- हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत महत्व होता है
- प्रदोष व्रत में भगवान भोलेनाथ की विधि विधान से पूजा करने पर व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है
Ravi Pradosh Vrat 2022 Upay: साल के हर महीने दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है। एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। साल में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं। प्रदोष व्रत भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत महत्व होता है। प्रदोष व्रत में भगवान भोलेनाथ की विधि विधान से पूजा करने पर व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। आषाढ़ माह का प्रदोष व्रत 26 जून यानी आज है। रविवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को रवि प्रदोष व्रत कहा जाता है। 26 जून को पड़ने वाला रवि प्रदोष के पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 7:23 से रात 9:23 तक है। इस दिन शिव को प्रसन्न करने के लिए कुछ उपाय को करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं कैसे करें पूजा व उपाय।
ऐसे करें पूजा
अगर आप रवि प्रदोष व्रत रखना चाहती है तो सुबह उठकर स्नान करें। स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े पहने। घर व मंदिर में दीप जलाएं। पूजा शुरू करने के दौरान सबसे पहले गणेश वंदना करें। उसके बाद भगवान भोलेनाथ व माता पार्वती की वंदना करें और गंगाजल से भगवान शिव का जल अभिषेक करें। इसके बाद भगवान शिव को बेलपत्र पुष्प चढ़ाएं और फिर भोग लगाएं। भोग लगाते समय इस बात का ध्यान दें कि भगवान शिव को सिर्फ सात्विक चीजों का ही भोग लगता है।
बेलपत्र में लिखें ये मंत्र
इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए पूजा के दौरान ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें। पूजा में भगवान शिव को चढ़ने वाले बेलपत्र में ओम नमः शिवाय लिखकर भगवान भोलेनाथ को चढ़ाएं। इसे भगवान शिव की कृपा आप पर बनी रहेगी।
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महामृत्युंजय का करें जाप
इसके अलावा अगर आप आर्थिक समस्या या स्वास्थ्य संबंधित समस्या से जूझ रहे हैं तो रवि प्रदोष व्रत के दिन महामृत्युंजय का जाप बहुत लाभकारी होगा। इस दिन महामृत्युंजय का जाप जरूर करें। ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ।
गाय को केसर वाला दूध में पिलाएं
अगर दांपत्य जीवन में किसी प्रकार की समस्या है, तो आप प्रदोष व्रत के दिन गाय के दूध में केसर और फूल डाले दें और उससे भगवान शिव का अभिषेक करें। इससे पति और पत्नी के बीच संबंध मधुर रहेंगे। उत्तम जीवनसाथी की मनोकामना पूर्ति के लिए भी इस उपाय को कर सकते हैं।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)