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Sai baba ki katha: गुरुवार के दिन पढ़ें साईं बाबा के चमत्कार की ये तीन कथाएं

Updated Nov 19, 2020 | 06:31 IST

Sai Chamatkar Katha: गुरुवार के दिन साईं पूजा के साथ उनसे जुड़ी कथा पढ़ने का भी बहुत पुण्य मिलता है। साईं ने अपने जीवन काल में बहुत से लोगों के कष्ट को हरने के लिए चमत्कारिक प्रयोग किए हैं।

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Sai Chamatkar Katha, साईं चमत्कार कथा
मुख्य बातें
  • साईं के चमत्कार की कथा वाचन से भी मिलता है पुण्य
  • साईं बाबा अपने भक्तों के कष्ट अपने आप दूर करते हैं
  • साईं ने अपने जीवनकाल में बहुत से चमत्कार किए हैं

Sai Chamatkar Katha: साईं बाबा की पूजा का विशेष दिन गुरुवार है और इस दिन साईं की पूजा के साथ उनसे जुड़ी कथा का वाचन करने मन को शांति मिललती है। इन कथाओं को पढ़ने से उनके कष्ट कम होते हैं। साईं अपने भक्तों के कष्ट बिना कहे ही दूर कर देते हैं। साईं ने अपने जीवन काल में अपने कई भक्तों के कष्ट को चमत्कारिक रूप से दूर किया है। उनके इस चमत्कार के कई सबूत भी भक्त और उनसे जुड़ी किताबे देती हैं। तो आइए आपको साईं के विशेष दिन पर तीन कथा के बारे में बताएं जिसमें उन्होंने अपने भक्तों का कष्ट हर लिया था।

पहली कथा: साईं बाबा जिस खंडहर में रहते थे उसका नाम उन्होंने द्वारका माई रखा था औश्र वहां रोज शाम को दीप जलाते थे। दीप के लिए तेल की आवश्यकता होती थी और इसके लिए वह तेल मांगने बनियों के पास जाते थे,  लेकिन एक दिन एक बनिए ने कहा कि उसके पास तेल खत्म हो गया है। जबककि वह झूठ बोल रहा था। साईं समझ गए और वह वापस द्वारका माई लौट आए। यहां आकर उन्होंने दीये में पानी भरा और दीप जला दिए। देखते ही देखते सारे ही दीये पानी से जल पड़ें। पानी से दिए जलने वाली बात चारों तरफ फैल गई, जब ये बात बनिए को पता चली तो वह बहुत शर्मिंदा हुआ और बाबा से माफी मांगने आया। बाबा ने उसे माफ कर दिया लेकिन उससे कहा कि वह वचन दे की फिर कभी झूठ नहीं बोलेगा। 

दूसरी कथा: एक बार साईं बाबा का एक भक्त  अपनी पत्नी केे साथ बाबा के दर्शन को आया था। बहुत दूर से आए दंपति जब वापस जाने को तैयार हुए तो बारिश होने लगी। काफी देर तक बारिश रुक ही नहीं रही थी और बारिश बढ़ती ही जा रही थी। देखते-देखते पानी जमा होने लगा। तब भक्त ने बाबा से कहा बाबा कुछ करिए। तब बाबाा ने ईश्वर से कहा कि, हे मालिक मेरे बच्चों को घर जाना है आप बारिश रोक दें। बाबा का ऐसा कहना था कि बारिश यकायक रुक गई। बाबा की कृपा देख भक्त भी नतमस्तक हो गए।

तीसरी कथा: एक बार गांव में एक बच्ची खेल रही थी। खेलते-खेलते वह अचानक से कुएं में गिर गई। सभी को लगा कि वो डूब रही है, लेकिन जैसे ही वहां सब दौड़कर गए तो देखा कि बच्ची हवा में लटकी है। मानों किसी अदृश्य शक्ति उसे पकड़ा हुआ हो। असल में बाबा भी वहीं पर थे और बच्ची को गिरता देख वह अपनी शक्ति से उसे थाम लिए। वह बच्ची हमेशा कहती थी कि वो बाबा की बहन है।

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