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Saraswati Puja 2022 Mantra: बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती के इन मंत्रों का करें जाप, बुद्धि और वाणी की शक्ति में होगी वृद्धि

Updated Feb 05, 2022 | 06:43 IST

Saraswati Puja 2022 Date, Puja Vidhi, Muhurat And Mantra: ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, इस बार बसंत पंचमी पर बुधादित्य एवं सिद्धि योग का खास संयोग बन रहा है। बसंत पंचमी के अवसर पर मां शारदा के इन मंत्रों का करें जाप। आप सफलता की बुलंदियों पर पहुंच सकते हैं। 

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Saraswati Puja 2022 Mantra (Pic: iStock)
मुख्य बातें
  • 5 फरवरी 2022, शनिवार को बसंत पंचमी का पावन पर्व है।
  • इस दिन विधि-विधान से मां सरस्वती की पूजा की जाती है।
  • आरती व मंत्रों का जाप किए बिना सरस्वती पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है।

Saraswati Puja 2022 Date, Puja Vidhi, Muhurat, Timing And Mantra: आज यानी 5 फरवरी 2022, शनिवार को बसंत पंचमी का पावन पर्व है।  इस दिन विधि विधान से मां सरस्वती की पूजा करने से व्यक्ति कला, संगीत और शिक्षा के क्षेत्र में सफल होता है और लक्ष्य प्राप्ति में आने वाले सभी विघ्न-बाधाओं का अंत हो जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मां सरस्वती कमल पर विराजमान होकर एक हांथ में वीणा और दूसरे हांथ में पुस्तक धारण किए हुए प्रकट हुई थीं। माता की कृपा से सृष्टि में ध्वनि, वाणी, ज्ञान, संगीत और कला का प्रारंभ हुआ तथा। खेतों में फसलें लहलहाने लगी थी।उत्तर और दक्षिण भारत में बसंत पंचमी का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। 

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ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, इस बार बसंत पंचमी पर बुधादित्य एवं सिद्धि योग का खास संयोग बन रहा है। ऐसे में बसंत पंचमी के अवसर पर आप मां शारदा के मंत्रों का जाप कर उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं। स्कंद पुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार, आरती व मंत्रों के बिना पूजा को पूर्ण नहीं माना जाता। ऐसे में इस लेख के माध्यम से हम आपको बसंत पंचमी के चमत्कारिक मंत्र बताएंगे, इन मंत्रों का जाप कर छात्र शिक्षा के क्षेत्र में अव्वल हो सकते हैं।

सरस्वती बीजमंत्र

ओम ऐं महासरस्वत्यै नम:

अर्थात- देवी सरस्वती को प्रणाम। मां सरस्वती के बीज मंत्रों का जाप करने से बुद्धि और वाणी की शक्ति में वृद्धि होती है। परीक्षा के लिए अध्ययन शुरू करने से पहले इस मंत्र का जाप करने की सलाह दी जाती है ताकि मां सरस्वती स्मृति और एकाग्रता की शक्ति प्रदान करें।

या कुन्देन्दु तुषारहार धवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।।

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या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवै: सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वति भगवती
नि:शेषजाड्यापहा।।

अर्थात- विद्या की देवी भगवती सरस्वती जो कुन्द के फूल, चंद्रमा, हिमराशि और मोती के हार की तरह धवल वर्ण की हैं। जो श्वेत वस्त्र धारण करती हैं, जिनके हांथ में वीणा-दण्ड शोभायमान है, जिन्होंने श्वेत कमलों पर आसन ग्रहण किया है। तथा ब्रह्मा, विष्णु और महेश द्वारा सदा पूजित हैं। संपूर्ण जगत का अंधकार दूर करने वाली मां सरस्वती हमारी रक्षा करें।

ओम् शारदा माता ईश्वरी मैं नित सुमरि
तोय हाथ जोड़ अरजी करूं विद्या वर दे मोय।

अर्थात- शरद काल में उत्पन्न कमल के समान मुखवाली और सभी मनोकमनाएं पूर्ण करने वाली मां शारदा समस्त समृद्धियों के साथ हमारे मुख में सदा वास करें।

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या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेणसंस्थिता।
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:

ओम ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नम: 

अर्थात- यदि कड़ी मेहनत व संघर्ष के बावजूद आपके हांथ बार-बार निराशा लग रही है, तो मां सरस्वती के इन मंत्र का जाप करें।
सफलता की बुलंदियों पर पहुंचने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में सफलता हासिल करने के लिए इस मंत्र का जाप करें। 

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