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Sawan Somvar 2022: खास माने जाते हैं सावन के सोमवार, जानें किसे 4 और किसे रखने चाहिए 5 सोमवार के व्रत

Updated Jul 08, 2022 | 15:53 IST

Sawan Somwari 2022: सावन माह में पड़ने वाली सोमवारी का खास महत्व होता है। सावन का पूरा महीना भगवान शिवजी की पूजा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस साल सावन की शुरुआत कब से होगी और कितनी सोमवारी पड़ेगी जानते हैं बारे में।

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सावन सोमवारी
मुख्य बातें
  • पंचांग के अनुसार 4 और संक्रांति के अनुसार पड़ेगी 5 सोमवारी
  • पहले सावन सोमवारी के दिन होगी नाग पंचमी की भी पूजा
  • 14 जुलाई से शुरू हो रहा सावन का महीना

Sawan Somwari 2022 Vrat Puja: सावन का महीना सभी माह में पावन माना जाता है। यह माह भगवान शिवजी को भी अतिप्रिय होता है। सावन माह भगवान भोलेनाथ की पूजा के लिए खास माना जाता है। इस महीने पूजा-पाठ और व्रत करने से शिव भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती है। यही कारण है कि शिव भक्तों को सालभर इस माह का बेसब्री से इंतजार रहता है। आस्था और श्रद्धा से भरे सावन के महीने में वैसे तो पूरे माह शिवजी की पूजा की जाती है। लेकिन सावन माह में पड़ने वाले सोमवार का विशेष महत्व होता है। सावन सोमवारी व्रत को लेकर लोगों के मन में असमंजस है कि इस साल सावन में चार या पांच कितनी सोमवारी पड़ रही है। जानते हैं सावन कब शुरू हो रहा है और इस बार सावन सोमवारी व्रत कब-कब रखे जाएंगे।

कब शुरू हो रहा सावन

इस साल सावन महाने की शुरुआत गुरुवार 14 जुलाई से हो रही है। वहीं संक्राति के अनुसार सावन की शुरुआत 16 जुलाई से हो रही है। सावन में कुल 4 सोमवारी पड़ेगी, लेकिन जो लोग संक्रांति के अनुसार व्रत रखते हैं, वे 5 सोमवरी व्रत रखेंगे।

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सावन में पड़ने वाले सोमवार (सोमवारी व्रत)

पहला सोमवार- सावन माह की पहली सोमवारी व्रत 18 जुलाई को रखी जाएगी।  इस दिन कई जगहों पर नाग पंचमी का त्योहार भी मनाया जाएगा। इसलिए इस बार सावन माह के साथ सावन की पहली सोमवारी और भी खास होगी। क्योंकि सावन की पहली सोमवारी के दिन ही शिवजी के साथ नागदेव की भी पूजा की जाएगी।

दूसरा सोमवार- सावन की दूसरी सोमवारी 25 जुलाई को पड़ रही है। इस दिन सोमवारी व्रत के साथ ही प्रदोष व्रत भी पड़ रही है। ऐसे में प्रदोष व्रत पड़ने से दूसरी सोमवारी व्रत का भी काफी महत्व बढ़ जाता है। पंचांग के अनुसार सावन की दूसरी सोमवरी में सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि और ध्रुव योग का संयोग बन रहा है।

तीसरा सोमवार- सावन का तीसरा सोमवार 1 अगस्त को रखा जाएगा। इस दिन भगवान शिवजी के साथ गणेशजी की भी पूजा की जाएगी। क्योंकि इस दिन वरद चतुर्थी पड़ रही है।

चौथा सोमवार- सावन माह की चौथी सोमवारी व्रत 8 अगस्त को पड़ रही है। यह सावन की आखिरी सोमवारी होगी। क्योंकि इसके बाद 11 अगस्त को सावन समाप्त हो जाएगा। सावन की आखिरी सोमवारी का विशेष महत्व होता है। क्योंकि कई लोग सोमवारी के सभी व्रत नहीं भी रखते हैं तो आखिरी व्रत जरूर करते हैं। इससे भी सभी सोमवारी व्रत जैसे फल की प्राप्ति होती है।

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सावन का पांचवा सोमवार

वैसे तो हिंदू पंचांग के अनुसार सावन में चार सोमवारी ही पड़ रही है। लेकिन ऐसे लोग जो संक्रांति के अनुसार व्रत रखेंगे उन्हें 5 सोमवारी व्रत रखनी होगी। क्योंकि संक्रांति के अनुसार सावन की शुरुआत 16 जुलाई को होगी और 17 अगस्त को भद्रा संक्रांति समाप्त होगी। ऐसे में आखिरी और पांचवा सोमवारी व्रत 15 अगस्त को रखा जाएगा।

(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्‍स नाउ नवभारत इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है।)

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