- सावन अमावस्या को हरियाली अमावस्या भी कहा जाता है
- इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए विशेष दान-पुण्य किए जाते हैं
- यहां पढ़ें सावन अमावस्या व्रत की कथा
Sawan Hariyali Amavasya Vrat Katha in Hindi 2022, Sawan Amavasya Vrat Katha, Vidhi, Kahani: हिंदू धर्म में सावन का महीना बेहद पवित्र माना जाता है ऐसा कहा जाता है, कि यह महीना भोलेनाथ को बहुत प्रिय है। इसलिए इस महीने में आने वाले अमावस्या का महत्व और भी बढ़ जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस महीने में अमावस्या का व्रत करने से पितरों के आत्मा को शांति मिलती है। यदि आप भी सावन अमावस्या (Sawan Hariyali Amavasya vrat) के दिन अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए व्रत रखने की सोच रहे है, तो आपको उस दिन इस कथा को जरूर पढ़ना चाहिए। ऐसा कहा जाता है, कि इस कथा (Sawan Hariyali Amavasya vrat katha) को पढ़ने से पित्र बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते है।
Shravan Hariyali Amavasya Vrat Katha in Hindi
पौराणिक कथा के अनुसार एक नगर में एक प्रतापी राजा रहता था। उन्हें एक बेटा था। जिसका विवाह हो चुका था। एक दिन राजा की बहू ने चोरी से मिठाई खा ली और नाम चूहें का लगा दिया। जिसकी वजह से चूहा बहुत गुस्सा हो गया और उसने मन ही मन ठान लिया कि वह चोर को राजा के सामने लेकर आएगा। एक दिन राजा के यहां कुछ मेहमान आए। सभी मेहमान राजा के कमरे में सोए हुए थे। क्योंकि चूहा को बहुत गुस्सा था इस वजह से वह रानी की साड़ी को ले जाकर उस कमरे में रख दिया।
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जब सुबह में महमान की आंखें खुली और उसने रानी का कपड़ा देखा। वह यह देखकर हैरान रह गया। जब राजा को इस बात का पता चला, तो उसने अपनी बहू को महल से निकाल दिया। महल से निकलने के बाद रानी रोज शाम में दिया जलाती और ज्वार उगाने का काम करती थी। वह रोज पूजा करके गुडधानी का प्रसाद बांट दी थी।
एक दिन राजा उसी रास्ते से जा रहा था, तो उसकी नजर उस दीये पर पड़ी। जब वह राजमहल लौटा तब उसने अपने सैनिको से जंगल में जाकर उस चमत्कारी चीज के बारे में पता लगाने को कहा। राजा की आज्ञा पाकर सैनिक जंगल की तरफ निकल पड़े। जब वह उस पीपल के पेड़ के नीचे पहुंचे, तो उन्होंने वहां देखा कि दीया आपस में बात कर रही थी। सभी अपनी अपनी कहानी बता रही थी। तभी एक शांत दीये से सभी ने सवाल किया कि तुम भी अपनी कहानी बताओं।
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यह सुनकर शांत दीये ने कहा कि वह रानी का दीया है। उसने आगे बताएं कि रानी की मिठाई चोरी की वजह से चूहे ने रानी की सारी मेहमान के कमरे में रख दी और बेकसूर को सजा मिल गई। सैनिक ने दीये की सारी बातें सुन ली और यह बात राजा से जाकर बताई। राजा को जब इस बात का पता चला, तो उसने रानी को वापस महल में बुलवा लिया। महल में वापस आने के बाद रानी खुशी-खुशी रहने लगीं।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)