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Sawan 2022: तीन पत्ते वाले बेलपत्र के बिना अधूरी है शिवजी की पूजा, लेकिन सावन के इन 8 दिनों में तोड़ना है वर्जित

Updated Jul 27, 2022 | 06:51 IST

Sawan Month 2022: शिवजी की पूजा में बेलपत्र का विशेष महत्व होता है। तीन पत्ते वाले इस बेलपत्र के बिना भगवान शिव की पूजा अधूरी मानी जाती है। वहीं सावन के पूरे माह में प्रतिदिन शिवजी को बेलपत्र अर्पित किए जाते हैं। लेकिन इस माह कुछ ऐसे दिन होते हैं, जिसमें बेलपत्र तोड़ना वर्जित माना जाता है।

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शिवलिंग पूजा
मुख्य बातें
  • सावन के सोमवार, अमावस्या और पूर्णिमा जैसे 8 दिनों में न तोड़े बेलपत्र
  • कटा या टूटा बेलपत्र शिवलिंग पर न चढ़ाएं
  • शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते समय रुद्राष्टाध्यायी मंत्र का करें जाप

Sawan Lord Shiva Puja Bel Leaves Importance: देवाधिदेव भोलेनाथ का प्रिय माह सावन चल रहा है और इस पूरे माह शिवभक्त शिवजी की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं। शिवजी को बेलपत्र अतिप्रिय होता है। कहा जाता है कि केवल शुद्ध जल से अभिषेक करने और बेलपत्र चढ़ाने भर से महादेव अपने भक्तों से प्रसन्न हो जाते हैं। स्कंद पुराण में भी इस बात का विवरण मिलता है कि शिवजी की पूजा में बेलपत्र अर्पित करने से भक्तों के सभी दुख दूर हो जाते हैं और रोगों से मुक्ति मिलती है। इसलिए जो भक्त सावन माह में प्रतिदिन शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते हैं उन पर शिवजी की विशेष कृपा होती है।

सावन माह के भले ही प्रतिदिन बेलपत्र चढ़ाया जाता है। लेकिन इस माह में ऐसे 8 दिन होते हैं जिसमें बेलपत्र तोड़ने पर मनाही होती है। वहीं बेलपत्र चढ़ाने के कुछ नियम भी होते हैं जिसका पालन करना जरूर होता है। जानते हैं सावन माह में किस दिन नहीं तोड़ना चाहिए बेलपत्र और क्या है शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने की सही विधि।

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सावन के इन दिनों में भूलकर भी न तोड़े बेलपत्र

धार्मिक मान्यता के अनुसार, सावन माह में पड़ने वाली चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, श्रावण अमावस्या, श्रावण पूर्णिमा, संक्रांति और सोमवार के दिन बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए। ऐसा करने से भगवान शिव रुष्ट हो जाते हैं और पूजा में इस बेलपत्र को चढ़ाने से इसका फल नहीं मिलता। यदि आप रोज बेलपत्र चढ़ाते हैं तो इन दिनों से एक दिन पहले ही पूजा के लिए बेलपत्र तोडकर रख दें।

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क्या है बेलपत्र चढ़ाने का नियम

शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते समय इस बात का भी विशेष ध्यान रखें कि किसी भी बेलपत्र के पत्ते कटे या टूटे हुए न हो। वैसे तो बेलपत्र में तीन पत्तियां होती है। लेकिन चार या पांच पत्तियों वाले बेलपत्र को शुभ माना जाता है। बेलपत्र को चढ़ाते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि इसकी चिकनी सतह शिवलिंग से स्पर्श करती हो। बेलपत्र चढ़ाते समय रुद्राष्टाध्यायी मंत्र ‘त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुतम्। त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम्॥’ का जाप  जरूर करें।  

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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