- हनुमानजी की पूजा से मिलता है शनिदेव का आशीर्वाद
- हनुमानजी के भक्तों को परेशान नहीं करते शनिदेव
- शनिवार को शनिदेव के साथ करें हनुमानजी की भी पूजा
Saturday Hanuman ji and shani dev Puja: हिंदू धर्म में सप्ताह का प्रत्येक वार किसी न किसी देवी-देवताओं की पूजा-अराधना के लिए समर्पित होता है। इसी तरह शनिवार का दिन शनि देव की पूजा के लिए खास माना जाता है। लेकिन शनिवार के दिन केवल शनिदेव ही नहीं बल्कि हनुमानजी की भी पूजा करनी चाहिए। आपने देखा होगा कि जहां शनिदेव का मंदिर होता है वहां से कुछ दूरी या आस-पास में हनुमानजी का मंदिर भी होता है।शनिवार के दिन हनुमानजी की पूजा करने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं। शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है। वे अपने भक्तों को उनके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। अच्छे कर्मों के लिए अच्छा फल और बुरे कर्मों के लिए दंड़ भी देते हैं।
लेकिन हनुमानजी के भक्तों पर कभी भी शनिदेव का बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनि देव के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए व्यक्ति को हनुमानजी की भी पूजा करनी चाहिए। इसके पीछे एक पौराणिक कथा काफी प्रचलित है, जिसमें इस बात का जिक्र किया गया है कि जो व्यक्ति शनिवार के दिन हनुमानजी की पूजा करेगा उसे शनि देव कभी परेशान नहीं करेंगे। जानते हैं इस कथा के बारे में विस्तार से..
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ये है शनिदेव और हनुमानजी से जुड़ी पौराणिक कथा
इस कथा के अनुसार, हनुमानजी और शनिदेव की त्रेतायुग के रामायण काल से जुड़ी है। इसमें बताया गया है कि हनुमानजी जब रामजी का आदेश पाकर माता सीता को खोजने लंका गए तो उन्होंने वहां देखा कि वहां रावण ने शनिदेव को भी बंदी बनाकर रखा है। तब हनुमानजी ने शनि देव को रावण से मुक्त कराया। शनिदेव ने जब हनुमानजी से वरदान मांगने को कहा तो, हनुमानजी बोले आज से जो भी भक्त शनिवार के दिन मेरी पूजा करेगा आप उसे कभी परेशान नहीं करेंगे। शनिदेव ने हनुमानजी की बात मान ली। शनिदेव के इस वचन के कारण ही शनिवार के दिन पूजा करने से शनिदेव और हनुमानजी दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
ऐसे करें पूजा
शनिवार के दिन स्नान करने के बाद किसी हनुमान मंदिर में जाएं और भगवान को सिंदूर मिश्रित जल चढ़ाएं। फिर गुड़, चना, केला और लड्डू का भोग लगाएं। सरसों तेल का दीप जलाएं और हनुमान मंत्र का जाप करें। इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ और सुंदरकांड का पाठ करें।
(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)