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Shani Jayanti 2020: शनि जयंती क्यों मनाई जाती है, जानिए क्या है इसका महत्व

Updated May 16, 2020 | 13:31 IST

Shani Jayanti 2020: हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन शनि जयंती मनाई जाती है। ज्योतिष विद्या के मुताबिक एक आम व्यक्ति को अपने जीवन में कई तरह के संकटों व परेशानियों का सामना करना पड़ता है

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शनि जयंती क्यों मनाते हैं
मुख्य बातें
  • शनि से जुड़े दोषों व पापों से मुक्ति पाने के लिए शनिदेव की पूजा की जाती है
  • हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन शनि जयंती मनाई जाती है
  • माना जाता है शन‍ि जयंती के ही दिन शन‍ि देव का जन्‍म हुआ था

शनि से जुड़े दोषों व पापों से मुक्ति पाने के लिए शनिदेव की पूजा की जाती है। इसे शनि जयंती के नाम से भी जाना जाता है। इस बार 22 मई को शनि जयंती मनाई जाएगी। हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन शनि जयंती मनाई जाती है। ज्योतिष विद्या के मुताबिक एक आम व्यक्ति को अपने जीवन में कई तरह के संकटों व परेशानियों का सामना करना पड़ता है और इनसे निपटने का वह रास्ता ढ़ूंढ़ता रहता है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक शनिदेव की पूजा करने से ये सारे कष्ट व संकट हर जाते हैं।

कौन हैं शनिदेव
माना जाता है शन‍ि जयंती के ही दिन शन‍ि देव का जन्‍म हुआ था। उन्हें सूर्यदेव व माता छाया की संतान माना जाता है। इनका स्वरुप काला रंग और ये गिद्ध की सवारी करते हैं। मकर और कुंभ राशि के देव शनि कहलाते हैं ये बहुत ही धीमी गति से चलते हैं। कहा जाता है कि शनि जिस किसी पर अपनी टेढ़ी नजर डाल दें उस पर कष्टों का दौर शुरू हो जाता है। शनि की महादशा 19 सालों तक रहती है। लेकिन यही अगर शनि की शुभ दृष्टि किसी पर पड़ जाए तो उसके दिन राजा जैसे बीतने लगते हैं। इसलिए आम तौर पर आपने देखा होगा कि शनि को खुश करने के लिए हर कोई चिंतित रहता है।

शनि को यम, काल, दु:ख, दारिद्र और मंद कहा जाता है। शनि देव का नाम आते ही लोग डरने लगते हैं। ऐसे में शनि देव को हमेशा प्रसन्न रखने की ही कोशिश करते रहना चाहिये। माना जाता है कि शन‍ि की कृपा मिलने पर गरीब भी मालामाल हो जाता है जबकि उनके कुपित होने का अर्थ है हर तरफ से दुख पाना। शास्त्रों में शनि की पूजा के लिए कुछ खास नियम बताए गए हैं। 

शनि जयंती पर ऐसे करें पूजा

  • सुबह जल्दी नहाकर नवग्रहों को नमस्कार करें। 
  • इसके बाद शनि देव की लोहे की मूर्ति रखें और उसका अभिषेक सरसों के तिल से करें।
  • इसके बाद शनि मंत्र बोलते हुए शनिदेव की पूजा करें। 
  • शनि देव को प्रसन्न करने के लिए हनुमान जी की पूजा भी करें। 
  • शनि जी की कृपा पाने के लिये 
  • शांति प्राप्ति हेतु तिल, उड़द, काली मिर्च, मूंगफली का तेल, लौंग, तेजपत्ता तथा काला नमक पूजा में उपयोग कर सकते हैं।
  • इस दिन दान करना भी शुभ माना जाता है। शनिदेव से संबंधित वस्तुओं का दान करें। दान करते समय ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: मंत्र बोलें। 
  • इस दिन दान में देने के लिये काले कपड़े, जामुन, काली उडद, काले जूते, तिल, लोहा, तेल, आदि चीजें चुनें। 
  • इस प्रकार पूजन के बाद दिन भर कुछ न खाएं और मंत्र का जप करते रहें। ​

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