लाइव टीवी

Conch: हिंदू ही नहीं जैन और बौद्ध परंपराओं में भी शंख को माना जाता है शुभ, जानें इसे बजाने का सही नियम

Updated Aug 05, 2022 | 18:34 IST

Shankh Rules: जैन, बौद्ध, शैव और वैष्णव कई परंपराओं में शंख को अत्यंत शुभ माना गया है। शंख बजाने से देवता प्रसन्न होते हैं। कहा जाता है कि पूजा के दौरान शंख बजाने से व्यक्ति के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। लेकिन शंख बजाने के कुछ नियम बताए गए हैं, जिसके अनुसार ही इसे बजाना चाहिए।

Loading ...
शंख बजाने के नियम
मुख्य बातें
  • शंख बजाने से आती है सकारात्मकता
  • शंख बजाने से प्रसन्न होते हैं भगवान दूर होता है व्यक्ति का कष्ट
  • शंख को माना जाता है माता लक्ष्मी का भाई

Rules Of Conch: हिंदू धर्म में देवी-देवताओं के पूजा-पाठ से जुड़े कई नियम होते हैं। इन्हीं में से एक है शंख बजाना। हिंदू धर्म के पूजा-पाठ, हवन, धार्मिक उत्सव, अनुष्ठान, विवाह, राज्याभिषेक, गृह-प्रवेश जैसे कई शुभ कार्यों के दौरान शंख बजाना जरूरी होता है। क्योंकि शंख को यश, सुख-समृद्धि और शुभता का प्रतीक माना गया है। लेकिन हिंदू के साथ ही जैन और बौद्ध धर्म में भी शंख बजाने का महत्य है। हिंदू, बौद्य और जैन धर्म में प्रतिदिन की पूजा में भी शंख बजाने का विधान है। शंख की ध्वनि के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। लेकिन केवल शंख बजाने से ही पूजा संपन्न नहीं होती, बल्कि इसके कुछ नियम होते हैं, जिसका पालन करना जरूरी होता है। जानते हैं कि आखिर क्यों किसी भी पूजा-पाठ या शुभ कार्य में शंख बजाया जाता है और क्या है शंख बजाने के सही नियम।

Also Read: Vastu Tips: गर्भवती महिलाओं के कमरे में भूलकर भी न रखें ये चीजें, जानें कैसा होना चाहिए उनका कमरा

शंख बजाने के जरूरी नियम

पूजा के मंदिर में दो शंख रखने चाहिए। एक शंख में जल भरकर रखना चाहिए और दूसरा शंख बजाने के लिए प्रयोग करना चाहिए।

शंख हमेशा ही सुबह और संध्या की पूजा में बजाए। इसके अलावा किसी और पहर में शंख नहीं बजाना चाहिए।

भगवान शिव की पूजा में शंख नहीं बजाना चाहिए और न ही इन्हें शंख में जल भरकर अभिषेक करना चाहिए।

शंख को रखते समय इस बात का ध्यान रखें कि इसका खुला हुआ भाग ऊपर की ओर रखें।

पूजा में शंख को भगवान की प्रतिमा के दाईं ओर रखना चाहिए।

बजाने के बाद हमेशा ही शंख को धोकर रखना चाहिए। झूठा शंख कभी भी पूजा स्थान पर नहीं रखना चाहिए।

Also Read:Ganesh Puja: भगवान श्रीगणेश को सिर्फ मोदक ही नहीं बल्कि अतिप्रिय है ये 5 फल, बुधवार की पूजा में जरूर करें अर्पित

क्यों जरूरी है पूजा में शंख बजाना

पुराणों में श्रीहरि विष्णु का पांचजन्य, अर्जुन का देवदत्त आदि शंखों के बारे में जिक्र किया गया है। शास्त्रों के अनुसार, पूजा में शंख बजाने से व्यक्ति के सारे पाप दूर होते हैं और उसे कष्टों से मुक्ति मिलती है। ऐसी मान्यता है कि जिस घर पर सुबह-शाम की पूजा में शंख बजाया जाता है, वहां धन-वैभव की देवी मां लक्ष्मी का वास होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान लक्ष्मीजी के साथ शंख भी उत्पन्न हुआ था। इसलिए शंख को माता लक्ष्मी का भाई माना गया है।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल