- इस दिशा में अखंड ज्योति जलाने से आती है सुख-समृद्धि
- अखंड ज्योत जलाने से होता है भाग्योदय
- गलत दिशा में कभी ना जलाएं अखंड ज्योति
Shardiye Navratri 2022: शारदीय नवरात्रि इस साल 26 सितंबर से शुरू होने जा रहे हैं, जिसका समापन 05 अक्टूबर को होगा। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना की जाती है। इनकी पूजा से जीवन में चल रही दिक्कतें दूर हो सकती हैं। नवरात्रि में अखंड ज्योति प्रज्वलित करने का रिवाज होता है। ऐसा कहते हैं कि इस दिव्य ज्योति के प्रज्वलित रहने से माता रानी प्रसन्न होती हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, अखंड ज्योति के लिए उचित दिशा और स्थान का ज्ञान होना भी बहुत जरूरी है। इसके अभाव में पूजा का पर्याप्त फल नहीं मिलता है।
किस दिशा में प्रज्वलित करें अखंड ज्योति
वास्तु शास्त्र के अनुसार, अखंड ज्योति की स्थापना हमेशा आग्नेय कोण यानी दक्षिण-पूर्व दिशा में करना शुभ माना जाता है। यहां अखंड ज्योति जगाने से वास्तु दोष दूर होता है। घर में खुशहाली आती है और शत्रु परास्त होते हैं। इसके अलावा, नवरात्रि में पूजा की सामग्री भी इसी दिशा में रखनी चाहिए।
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अखंड ज्योति प्रज्वलित करने के नियम
ब्रह्मचर्य
जिस घर में अखंड ज्योति प्रज्वलित की जाती है, वहां ब्रह्मचर्य का पालन करना पड़ता है। ऐसे में भूलकर भी मांस-मदिरा का सेवन ना करें। सात्विक आहार का ही सेवन करें।
कहां रखें दीप
अखंड ज्योति को हमेशा देवी की मूर्ति के दाईं ओर रखें। आप इच्छानुसार तेल या घी का दीपक जला सकते हैं। अखंड ज्योति को प्रज्वलित करते समय ''दीपम घृत दक्षे, तेल युत: च वामत:'' मंत्र का जाप करें।
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दीप बुझना अशुभ
अखंड ज्योति कभी भी बुझनी नहीं चाहिए। इसका बुझना अशुभ माना जाता है। कुछ लोग अखंड ज्योति को बुझने से बचाने के लिए जालीदार बर्तन का भी इस्तेमाल करते हैं, ताकि ये हवा से बुझ ना जाए।
देवी का स्थान खाली ना रहे
देवी के बगल में प्रज्वलित अखंड ज्योति को कभी भी अकेला ना छोड़ें। इसके पास हमेशा घर का कोई सदस्य होना चाहिए। दूसरा, इसमें साफ-सफाई का भी विशेष ख्याल रखा जाता है।
डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।