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Shardiya Navratri 2022: शारदीय नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने से बरसेगी माता रानी की कृपा,जानें नियम व महत्व

Updated Sep 15, 2022 | 16:32 IST

Akhand Jyoti Importance: शारदीय नवरात्रि के पहले दिन यानी घटस्थापना के साथ ही अखंड ज्योति जलाई जाती है। घर पर अखंड ज्योति जलाने के कई नियम होते हैँ। इन नियमों का पालन करने से मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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शारदीय नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने का महत्व
मुख्य बातें
  • नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने से बरसती है मां भगवती की कृपा
  • नवरात्रि में जलाई गई अखंड ज्योति पूरे नौ दिनों तक जलती रहती चाहिए
  • घर पर अखंड ज्योति जलाने से सदस्यों को करना चाहिए सात्विक धर्म का पालन

Shardiya Navtarti 2022 Akhand Jyoti: मां दुर्गा की पूजा के लिए नवरात्रि का पर्व सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। वैसे तो पूरे साल में चार बार नवरात्रि पड़ती है। इनमें दो गुप्त नवरात्रि, एक चैत्र नवरात्रि और एक शारदीय नवरात्रि होती है। शास्त्रों में सभी नवरात्रि में अश्विन माह में पड़ने वाली शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व बताया गया है। नवरात्रि में पूरे नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि में अखंड ज्योति सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना के साथ ही अखंड ज्योति जलाई जाती है। अखंड ज्योति का अर्थ होता है ऐसी ज्योति जोकि खंडित ना हो।

अखंड ज्योति तब तक जलती रहनी चाहिए जब तक कि पूजा समाप्त ना हो। इसके अलावा कुछ लोग अखंड ज्योति को संकल्प के अनुसार भी जलाते हैं। लेकिन नवरात्र के दौरान पूरे नौ दिनों तक जलाई जाने वाली अखंड ज्योति का विशेष महत्व होता है। अखंड ज्योति जलाने के कई नियम भी होते हैं जिसका पालन करना जरूरी होता है।

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अखंड ज्योति जलाने के नियम

  • नवरात्रि में अखंड ज्योति को मां दुर्गा के समक्ष पूरे 9 दिनों तक जलाया जाता है। इस दौरान घर पर सात्विकता का भी पालन करना जरूरी होता है।
  • पूजा-पाठ में जलाया गया दीपक अग्नि का वह छोटा स्वरूप होता है जिसे देवशक्ति का प्रतीक माना गया है। साथ ही अखंड ज्योति को आस्था का प्रतीक भी माना जाता है। अखंड ज्योति में एक छोटा और एक बड़ा दीपक जलाना चाहिए। यदि अखंड ज्योति में घी डालते समय या किसी अन्य कारणों से ज्योति बुझ भी जाती है तो उसे छोटे दीपक की ज्योति से पुनः जलाया जा सकता है। इस तरह से अखंड ज्योति खंडित नहीं होती।
  • अखंड ज्योति जलाने के बाद उसे अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। एक व्यक्ति सदैव अखंड ज्योत की देखभाल के लिए मौजूद रहना चाहिए।
  • अखंड ज्योति जलाने के बाद घर पर भूलकर भी ताला नहीं लगाना चाहिए। किसी एक व्यक्ति को हमेशा ही घर पर रहना जरूरी होता है।
  • घी से जलाई गई अखंड ज्योति को मां दुर्गा के दाईं ओर और तेल से जलाई गई अखड़ ज्योति को बाईं ओर रखना चाहिए।

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अखंड ज्योति जलाने का महत्व और मंत्र

दीपक की रोशनी में सकारात्मकता होती है। इससे घर से नकारात्मक ऊर्जा और दरिद्रता दूर होती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार घर पर अंखड ज्योति जलाने से सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है।

अखंड ज्योति जलाने से पहले भगवान श्रीगणेश, भगवान शिव और मां दुर्गा का स्मरण करना चाहिए। इसके बाद ‘ओम जयंती मंगला काली भद्रकाली कृपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु‍ते’ मंत्र का जाप करते हुए अखंड ज्योति को जलाना चाहिए।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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