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Navratri Navgrah Puja: नवरात्रि के नौ दिनों में करें नवग्रह शांति पूजा, जानें किस दिन करें किस ग्रह की पूजा

Updated Sep 19, 2022 | 21:17 IST

Shardiya Navratri 2022 Navgrah Pooja: शारदीय नवरात्रि का त्योहार 26 सितंबर 2022 से आरंभ होने वाला है। नवरात्रि में घटस्थापना से लेकर पूरे 9 दिनों तक मां दुर्गा की पूजा की जाती है। लेकिन नवग्रह शांति पूजा के बिना नवरात्रि अधूरी मानी जाती है। जानते हैं नवरात्रि में नवग्रह शांति पूजा का क्या है महत्व।

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शारदीय नवरात्रि में नवदुर्गा के साथ करें नवग्रह शांति पूजा
मुख्य बातें
  • नवरात्रि में नवदुर्गा की पूजा से शांत होंगे नवग्रह
  • नवग्रहों की शांति पूजा के लिए महत्वपूर्ण है शारदीय नवरात्रि
  • शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की होती है पूजा

Shardiya Navratri 2022 Navgrah Shanti Puja: शारदीय नवरात्रि की शुरुआत सोमवार 26 सितंबर 2022 से होने वाली है जोकि 05 अक्टूबर 2022 तक रहेगी। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करने का महत्व है। मान्यता है कि देवी दुर्गा का प्रत्येक स्वरुप मनुष्यों के लिए जीवनदायी के समान है। देवी दुर्गा में नवग्रहों का वास माना गया है। इसलिए नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा-आराधना करने के साथ ही नवग्रहों की शांति पूजा भी जरूरी होती है। ज्योतिष के अनुसार कुंडली में ग्रहों के अनुकूल होते ही व्यक्ति को कई समस्याओं का सामना करना करना पड़ता है। इसलिए नवरात्रि में नवग्रहों की शांति पूजा से नवग्रहों की पीड़ा से मुक्ति मिलती है। साथ ही दैहिक, दैविक और भौतिक ताप से रक्षा होती है। जानते हैं नवरात्रि में कैसे होती है नवग्रहों की शांति पूजा और किस दिन करें किस ग्रह की पूजा।

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नवरात्रि के किस दिन करें किस ग्रह की पूजा

  1. पहले दिन- नवरात्रि के पहले दिन यानी अश्विन माह की प्रतिपदा को मंगल ग्रह की शांति पूजा की जाती है। स्कंदमाता के स्वरूप में मंगल की शांति पूजा करने का विधान है।
  2. दूसरे दिन- नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से राहु ग्रह को की शांति होती है।
  3. तीसरे दिन- नवरात्रि के तीसरे दिन बृहस्पति की शांति के लिए पूजा की जाती है। इस दिन महागौरी के स्वरूप की पूजा से बृहस्पति ग्रह को शांति मिलती है।
  4. चौथे दिन- नवरात्रि के चौथे दिन शनि की शांति के लिए मां कालरात्रि के स्वरूप की पूजा करने का विधान है।
  5. पांचवे दिन- नवरात्रि की पंचमी तिथि को बुध ग्रह की शांति के लिए मां कात्यायनी के स्वरूप की पूजा की जाती है।
  6. छठवे दिन- शुक्र ग्रह की शांति के लिए नवरात्रि की षष्ठी को मां कुष्मांडा के स्वरूप की पूजा की जाती है। इससे केतु ग्रह को शांति मिलती है।
  7. सातवें दिन- नवरात्रि की सप्तमी तिथि को मां दुर्गा के सातवें स्वरूप माता सिद्धिदात्री की पूजा करने का विधान है। इससे शुक्र ग्रह को शांति मिलती है।
  8. आठवें दिन- सूर्य ग्रह की शांति के लिए नवरात्र के आठवें दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है।
  9. अंतिम या नौवें दिन- नवरात्रि के अंतिम दिन मां चंद्रघंटा के स्वरूप की पूजा की जाती है। इससे चंद्रमा ग्रह की शांति होती है।

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 नवरात्रि में नवदुर्गा और नवग्रह पूजा

नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इसमें पहले दिन मां शैलपुत्री, दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी ,तीसरे दिन माता चंद्रघंटा, चौथे दिन मां कुष्मांडा, पांचवे दिन स्कंदमाता, छठे दिन कात्यायनी, सातवें दिन कालरात्रि, आठवें दिन मां महागौरी और नवरात्रि के अंतिम दिन सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।

ज्योतिष में नवग्रहों के बारे में बताया गया है जिसका प्रभाव व्यक्ति पर शुभ या अशुभ रूप से पड़ता है। इनमें क्रमशः चंद्रमा, सूर्य, शुक्र, बुध, शनि, बृहस्पति, मंगल, राहु और केतु जैसे ग्रह होते हैं।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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