लाइव टीवी

Shattila Ekadashi 2022 Date, Puja Muhurat: षटतिला एकादशी 2022 कब है, जानें पूजा मुहूर्त और तिल दान करने का महत्‍व

Updated Jan 24, 2022 | 11:14 IST

Shattila Ekadashi 2022 Date, Time, Puja Muhurat (षटतिला एकादशी कब है 2022): माघ मास के कृष्णपक्ष की एकादशी यानी षटतिला एकादशी को सभी एकादशी तिथियों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। देखें 2022 में षटतिला एकादशी की तिथ‍ि व मुहूर्त।

Loading ...
Shattila Ekadashi 2022 kab hai
मुख्य बातें
  • इस बार षटतिला एकादशी व्रत 28 जनवरी 2022, शुक्रवार को है, इसे पापहारिणी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।
  • इस व्रत का महत्व स्वयं श्री हरि भगवान विष्णु ने नारद मुनि को बताया था।
  • इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान कर काले तिलों का दान करने से होती है स्वर्ग लोक की प्राप्ति।

Shattila Ekadashi 2022 Date, Time, Puja Muhurat in India : सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार हर वैष्णव को एकादशी का व्रत करना चाहिए। एकादशी के दिन व्रत कर श्रीहरि भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। माघ मास के कृष्णपक्ष की एकादशी यानी षटतिला एकादशी को सभी एकादशी तिथियों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।

पद्मपुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार हजारों वर्षों तक तपस्या और स्वर्ण दान से भी ज्यादा पुण्य षटतिला एकादशी का व्रत करने से मिलता है। इस दिन पानी में तिल डालकर स्नान करने व तिल से बनी चीजों का दान करने का भी विशेष महत्व है।

Mauni Amavasya 2022 Date, Puja Muhurat: मौनी अमावस्या कब है 2022

Shattila Ekadashi 2022 Date In India, षटतिला एकादशी 2022 कब है?

हिंदू पंचांग के अनुसार षटतिला एकादशी व्रत माघ मास के कृष्णपक्ष की एकादशी को रखा जाता है यानी इस बार षटतिला एकादशी 28 जनवरी 2022, शुक्रवार को है।

  • षटतिला एकादशी 2022 तिथि आरंभ: 27 जनवरी, गुरुवार, रात्रि 02.16 से  
  • षटतिला एकादशी 2022 तिथि समाप्त : 28 जनवरी, शुक्रवार रात्रि 11.35 पर  
  • ऐसे में षटतिला एकादशी 2022 का व्रत 28 जनवरी को रखा जाएगा। 
  • षटतिला एकादशी 2022 पारण तिथि व मुहूर्त :  29 जनवरी, शनिवार, प्रातः 07.11 से 09.20 तक 

Holi 2022 Date : होली 2022 में कब है

षटतिला एकादशी का महत्‍व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान कर काले तिलों का दान करने से व्यक्ति को स्वर्ग लोक की प्राप्ति होती है और इस जन्म में किए सभी पापों से मुक्ति मिलती है। षटतिला एकादशी को पापहारिणी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस व्रत का महत्व व कथा श्रीहरि ने नारद मुनि को बताया था।

इस दिन श्रीहरि भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने व गरीब, जरूरतमंद लोगों को काले तिल का दान करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि इस दिन काले तिल और उड़द से बनी खिचड़ी का भोग लगाने से साधक पृथ्वीलोक में समस्त सुखों को भोगता है।
 

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल