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Solar Eclipse 2022: सूर्य ग्रहण में गर्भवती महिलाएं करें इन नियमों का पालन, मां और बच्चे पर नहीं होगा दुष्प्रभाव

Updated Apr 27, 2022 | 17:18 IST

Solar Eclipse 2022 Precautions: धार्मिक दृष्टिकोण से सूर्य और चंद्र ग्रहण को अशुभ माना जाता है। ग्रहण में खासकर गर्भवती महिलाओं को कुछ नियमों का पालन करना जरूरी हो जाता है। क्योंकि ग्रहण का प्रभाव सबसे अधिक गर्भ में पल रहे अजन्मे बच्चे पर पड़ने की संभावना होती है।

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Solar Eclipse
मुख्य बातें
  • ग्रहण का प्रभाव सबसे अधिक गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ता है
  • 3 घंटे 53 मिनट की अवधि के लिए लगेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण
  • भारत में नहीं देखा जा सकेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण

Solar Eclipse 2022 Pregnancy Precautions: साल में वैसे तो कई ग्रहण लगते हैं। लेकिन इस साल 2022 का पहला सूर्य ग्रहण शनिवार 30 अप्रैल को लगने वाला है। इस दिन शनिश्चरी अमावस्या भी पड़ रही है। ग्रहण लगने का कारण धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अलग-अलग है। लेकिन ज्योतिषीय दृष्टिकोण से ग्रहण ऐसी घटना होती है, जिसका प्रभाव सभी व्यक्ति पर शुभ और अशुभ रूप से पड़ता है। 

ग्रहण का सूतक काल लगते ही कई नियमों का पालन करना सभी के लिए जरूरी हो जाता है। ज्योतिष जानकर योगेश जी के अनुसार ग्रहण के दौरान विशेषकर गर्भवती महिलाओं को सावधानी बरतने की जरूरत होती है। क्योंकि ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला द्वारा किए गए कार्यों का असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ता है। ऐसे में जन्म के बाद बच्चे में कुछ शारीरिक विकृतियां या जन्मचिह्न हो सकते हैं। अगर आप भी प्रेग्नेंट हैं तो आपके लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि ग्रहण के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं करें इन नियमों का पालन

  • गर्भवती महिलाएं सूर्य ग्रहण को नंगी या खुले आंखों से ना देखें। ग्रहण में सूर्य की किरणें सामान्य से अधिक तीक्ष्ण होती है। इससे आंखों को नुकसान पहुंच सकता है और गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी इसका असर पड़ सकता है।
  • ग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिलाएं घर से बाहर ना निकलें। क्योंकि ग्रहण की छाया से गर्भ में पल रहे बच्चे की त्वचा को नुकसान पहुंच सकता है।
  • ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं नुकीली या तेजधार वाली चीजें जैसे चाकू, छुरी, कैंची, पिन और सुई का इस्तेमाल न करें। इनके प्रयोग से बच्चे के शरीर में विकृति हो सकती है।
  • वैसे तो कहा जाता है कि ग्रहण के दौरान कुछ खाना-पीना भी नहीं चाहिए। लेकिन ग्रहण की अवधि यदि लंबी है तो प्रेग्नेंट महिला के लिए भूखे रहना नुकसानदेह हो सकता है और इससे निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) का खतरा भी हो सकता है। इसलिए ग्रहण के दौरान फलाहार का सेवन कर सकते हैं। लेकिन ज्यादा भारी भोजन इस दौरान न करें।
  • ग्रहण के समाप्त होने के बाद गर्भवती महिला को स्नान जरूर करना चाहिए। इससे ग्रहण की दूषित तरंगों का असर नहीं पड़ता।

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सूर्य ग्रहण की अवधि

30 अप्रैल को सूर्य ग्रहण रात्रि 12 बजकर 15 मिनट पर लगेगा और 1 मई सुबह 4 बजकर 7 मिनट पर ग्रहण समाप्त हो जाएगा। ग्रहण का मध्य 2 बजकर 12 मिनट पर होगा। सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 53 मिनट की होगी।

सूतक काल नहीं होगा मान्य
साल का पहला सूर्य ग्रहण आंशिक ग्रहण होगा और यह भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए यहां इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। इस दिन शनिश्चरी अमावस्या भी पड़ रही है। सूतक काल मान्य नहीं होने के कारण धार्मिक गतिविधियों पर कोई मनाही नहीं होगी।

(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और  इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्‍स नाउ नवभारत इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है।)

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