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Surya Grahan Kundali Dosh : कुंडली में भी होता है सूर्य ग्रहण दोष, लाल क‍िताब के इन उपायों से करें न‍िवारण

Updated Jun 17, 2020 | 19:08 IST

Lal Kitab ke Upay for Surya Grahan : कुंडली में सूर्य ग्रहण का होना बहुत ही कष्टकारी माना गया है। सूर्य ग्रहण से ही पितृदोष भी लगता है। लाल किताब के कुछ अचूक उपाय इस ग्रहण के प्रभाव को खत्म कर सकते हैं।

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Lal Kitak ke Totke : कैसे दूर करें सूर्य ग्रहण दोष
मुख्य बातें
  • सूर्य ग्रहण दोष हो तो जातक को गुड़ खाने से परहेज करना चाहिए
  • दोष से बचने के लिए गेहूं, गुड़ व तांबे का दान करना चाहिए
  • पीपल का पेड़ लगाएं अथवा पीपल के पेड़ की सेवा करें

यदि जातक की कुंडली में सूर्य ग्रहण लगा हो अथवा सूर्य दोष हो तो वह निश्चित रूप से पितृदोष का भी भागी बनता है। ये दोष कुंडली में तब लगता है जब सूर्य के किसी भी घर में रहने के साथ राहु भी मौजूद हो। ऐसी स्थितियों में ही कुंडली में सूर्य ग्रहण दोष लगता है। ऐसा केवल सूर्य के घर में राहु के आने से नहीं होता बल्कि सूर्य जिस भी भाव में हो अथवा खाने या घर में मौजूद हो, वहां अगर राहु की छाया पड़ती है तो सूर्य ग्रहण लगना तय है। ऐसे में जातक को लाल किताब के उपायों का सहारा लेना चाहिए। लाल किताब में सूर्य ग्रहण और पितृदोष को खत्म करने के कई सटीक उपाय बताए गए हैं।

कब लगता है कुंडली में सूर्य ग्रहण / Surya Grahan Dosh in Kundali

पौराणिक कथा के अनुसार भी यह माना गया है कि सूर्य और राहु एक दूसरे के दुश्मन हैं। ऐसे में सूर्य के साथ राहु जहां भी होगा वह अनर्थ करेगा। यदि सूर्य लग्न में राहु बैठा है तो सूर्य कहीं भी रहे उसे ग्रहण लगना तय है। किसी कुण्डली में शुक्र, बुध या राहु इकट्ठे दूसरे, पांचवें, नौवें अथवा बारहवें भाव में हों तो जातक की की कुंडली में पितृ दोष लगता है।

कुंडली में हो यदि सूर्य ग्रहण तो दिखता है कुछ ऐसा प्रभाव

1. सूर्यग्रहण जिस जातक की कुंडली में होता है उसका जीवन हमेशा अस्थिर रहता है।

2. जातक को शारीरिक कष्ट रहता है। उसकी हड्डियां कमजोर होती हैं और उसके अंदर आत्मविश्वास की कमी रहती हैं। जातक का शरीर अकड़ा रहता अथवा कई बार ऐसे लोग लकवा के भी शिकार होते हैं।

3. जिस किसी की कुंडली में सूर्य ग्रहण होता है उसे पिता से सुख नहीं मिलता। कई बार ऐसे लोगों किसी भी प्रकार के सरकारी दंड के भागी बनते हैं।

4. जातक को स्त्री पक्ष से कष्ट मिल सकता है  

5. कई बार जातक को पुत्र, पिता, मामा आदि से भी कष्ट मिलता है।

 6.  गृह कलह, असफलता, विवाह में देरी, संतान में देरी जैसी समस्याओं का भी समाना करना पड़ता है।

लाल किताब से जाने, सूर्य ग्रहण से बचने के ये उपाय / Lal Kitab ke Upay 

1.  कुंडली में यदि सूर्य ग्रहण या पितृदोष का प्रभाव हो तो जातक को गेहूं, गुड़ व तांबे का दान जरूर करना चाहिए। सूर्य ग्रहण के दौरान ये चीजें दान जरूर करनी चाहिए।

2. जिसकी कुंडली में सूर्य ग्रहण दोष हो उसे गुड़ खाने से परहेज करना चाहिए।

3. पितृदोष और ग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए बहते जल में छह नारियल अपने सिर पर से वार कर बहा दें।

4. जिनपर सूर्य ग्रहण हो अथवा पितृदोष हो उसे कभी भी किसी से मुफ्त में कोई चीज नहीं लेनी चाहिए। ऐसे व्यक्ति को खुद नेत्रहीन लोगों की मदद करनी चाहिए।

5. ऐसे जातकों को अपनी मां की सेवा करनी चाहिए और उनका आशीर्वाद लेना चाहिए। साथ ही मां के हाथ से दूध और चावल लेकर उसे दान करें।

6.  ग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए बहते हुए जल में जौ को दूध या गौ मूत्र से धोकर  बहा दें।

7. जिन जातकों पर ऐसा दोष हो उसे प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। साथ ही उसे हमेशा सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए।

8. पीपल का पेड़ लगाएं अथवा पीपल के पेड़ की सेवा करें। पानी दें और उसकी देखरेख करें।

9. जब भी सूर्य ग्रहण लगे उस समय तिल, नींबू, पका केला बहते पानी में बहा दें।

10. परिवार के सभी सदस्यों के हाथ से सिक्के लें और उसे एकत्र कर किसी भी मंदिर में दान कर आएं। इससे परिवार पर आपके ग्रहण के प्रभाव का असर नहीं होगा।

ज्योतिष के इन उपायों को भी आजमाएं

1. सूर्य ग्रहण से प्रभावित जातक को आदित्यहृदय स्तोत्र का नियमित रूप से करना चाहिए।

2. रोज सुबह सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्य दें। जल देने के लिए तांबे के लोटे का प्रयोग करें।

3.एकादशी और रविवार का व्रत रखें और नमक का सेवन न करें।

याद रखें जब भी आप कोई उपाय करें तो एक साथ कई उपायों को नहीं आजमाना चाहिए। उपाय हमेशा एक ही करें।

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