लाइव टीवी

Navratri में होती है तंत्र साधना, पीपल के नीचे करें इस मंत्र का जाप

Updated Mar 22, 2018 | 15:17 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

नवरात्र के द‍िनों में तंत्र साधना भी होती है। शक्‍त‍ि की महिमा से भरे इन द‍िनों में जानें किन मंत्रों का होता है जाप और किस नवरात्र की रात में मंत्र होते हैं स‍िद्ध -

Loading ...
तस्वीर साभार:&nbspBCCL

नई द‍िल्‍ली : Navratri नवरात्र में शक्ति उपासना के तौर पर माता दुर्गा की उपासना की जाती है। महा काली, महालक्ष्मी और महा सरस्वती के रूप में साधक अपने विभिन्न इष्ट के रूप में माता की पूजा अर्चना करते हैं। माता काली की पूजा भी साधक इस समय बहुत तेज कर देते हैं ताकि तांत्रिक सिद्धियां प्राप्त हो सकें। मां बंगलामुखी उपासना की जाती है। बहुत से राजनीतिज्ञ राजनीति में सफलता की प्राप्ति हेतु इस समय बंगलामुखी अनुष्ठान विधिवत करवाते हैं।

इन्‍हीं द‍िनों में साबर मंत्र की सिद्धि भी की जाती है। वहीं अष्टमी की रात्रि में दुर्गासप्तशती के प्रत्येक मंत्र को विधिवत सिद्ध किया जाता है। सप्तश्लोकी दुर्गा के पाठ का 108 बार अष्टमी की रात्रि में पाठ करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। त्रिक मंत्रों में ग्रहों के बीज मंत्र के तांत्रिक प्रयोग भी होते हैं। नव ग्रहों की लकड़ियों से हवन करके नवों ग्रहों को प्रसन्न किया जाता है। महामृत्युंजय मंत्र की साधना भी की जाती है। इस मंत्र के साथ साथ लघु मृत्युंजय मंत्र की साधना भी की जाती है। 

Also Read : जानें नवरात्र‍ि के दौरान क्‍यों होती है श्रीराम की भी पूजा

मां मातंगी की साधना 
ज्‍योति‍षाचार्य सुजीत महाराज कहते हैं क‍ि तांत्रिक साधनाओं में एक दुर्लभ साधना होती है मातंगी साधना। मातंगी देवी श्यामवर्ण और त्रिनयन धारिणी हैं और रत्नजटित सिंघासन पर विराजमान हैं
ये है मातंगी मंत्र - 
ॐ ह्लीं क्लीं हूँ मातङ्गी फट्ट स्वाहा।

इस मंत्र की 6000 की जप संख्या होती है। दशांश हवन घी, शर्करा और मधुमिश्रित ब्रम्हवृक्ष की समिधा से हवन करना चाहिए। इस साधना का उद्देश्य धन तथा ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। वहीं कमला स्तोत्र का पाठ करके हवन करें। 

Also Read : नवरात्र में भाग्‍य को जगाएं, करें नवग्रहों के ये उपाय 

Also Read : Navratri 2018 : ये हैं नवरात्र‍ि के वास्‍तु उपाय, शुभ फल के लिए जरूर आजमाएं 

जानें ये तांत्र‍िक साधनाएं भी 
एक अदभुत तांत्रिक साधना होती है अष्टनायिका साधना जिसे अर्धरात्रि में सिद्ध करते हैं। इसके अलावा एक और सरल साधना है - 
ॐ नमः शान्ते प्रशांते ॐ ह्लीं हां सर्व क्रोध प्रश्मनी स्वाहा।
पीपल के वृक्ष के नीचे माता की मूर्ति रखके या अपने घर के मंदिर में मात्र 21 बार इस मंत्र को पढ़ देने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और मन के विकार नष्ट होते हैं। इस मंत्र की साधना आसान है और इसका जाप कोई भी कर सकता है। 

इस प्रकार कई तांत्रिक मंत्रों के प्रयोग के साथ साथ नव ग्रह के यंत्र,वीसा यंत्र जो कि बहुत पावरफुल होता है और महामृत्युंजय यंत्र यदि नवरात्र में बनाए जाते और सिद्ध किए जाते हैं। बंगलामुखी यंत्र और चौतीसा यंत्र भी नवरात्र में बनाए  जाते हैं।

Navratri 2018 और धर्म की Hindi News के लिए आएं Times Now Hindi पर। हर अपडेट के लिए जुड़ें हमारे FACEBOOK पेज के साथ।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल