- कुछ मंदिरों में कुछ समय के लिए ही पुरुषों का प्रवेश वर्जित है
- ब्रहमा जी के मंदिर में शादीशुदा पुरुषों का प्रवेश वर्जित है
- महाराष्ट्र के नासिक में स्थित त्र्यंबकेश्वर मंदिर के गर्भगृह में कोई नहीं जा सकता
देश में बहुत से मंदिर ऐसे हैं, जहां कोई नियम पुरुष या महिला को लेकर नहीं है, लेकिन कुछ मंदिर ऐसे हैं जहां पुरुष या महिलाओं का प्रवेश वर्जित होता है। धार्मिक स्थानों पर पूजा का सभी को हक होता है, लेकिन कुछ एक मंदिर के नियम ऐसे होते हैं कि वहां पुरुष या महिला का प्रवेश पूजा नियमों के अनुसार सही नहीं होते हैं। आज आपको हम ऐसे मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पुरुषों का प्रवेश वर्जित होता है। इन मंदिरों के नियम ऐसे हैं कि पूजा के कुछ समय में पुरुष का प्रवेश वर्जित कर दिया जाता है। हालांकि, ये प्रवेश कुछ काल या दिन के लिए होता है। तो आइए आपको बताएं कि ये मंदिर कौन से हैं और इनके नियम क्या हैं।
भारत के इन मंदिरों में नहीं जा सकते हैं पुरुष
1. आट्टुकाल भगवती मंदिर - केरल में स्थित आट्टुकाल भगवती मंदिर में पुरुषों का प्रवेश वर्जित है। ये मंदिर पूर्णत महिलाओं के लिए ही है। पोंगल इस मंदिर में बहुत ही खास होता है और इस मंदिर का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज हैं। यहां पोंगल में तीस लाख महिलाएं शामिल होती हैं।
2. ब्रह्मा् मंदिर- राजस्थान स्थितं पुष्कर में ब्रह्मा् मंदिर 14वीं ईस्वी में बना है। इस मंदिर में शादीशुदा पुरुषों का प्रवेश वर्जित है। दुनिया भर में यही एक मंदिर ब्रह्मा् जी का है। एक कथा के अनुसार भगवान बह्मा को पुष्कर नदी के किनारे अपनी पत्नी मां सरस्वती के साथ यज्ञ करने जा रहे थे, लेकिन देवी सरस्वती को वहां पहुंचने में देर होने लगी और यज्ञ का मुर्हूत बीतने लगा तो ब्रहमा जी ने देवी गायत्री के साथ शादी कर यज्ञ संपन्न किया था और इस बात से देवी इतना नाराज हुईं कि उन्होंने ब्रह्मा् जी को श्राप दिया कि आपके इस मंदिर कभी कोई शादीशुदा पुरुष पूजा नहीं करेगा। इसके बाद से इस मंदिर में कभी शादीशुदा पुरुष नहीं जाते हैं।
3. चक्कूलाथूकावु मंदिर- केरल स्थित चक्कूलाथूकावु मंदिर में देवी भगवती के मंदिर में नार पूजा होती है और ये पूजा दिसंबर माह में होती है। नारी पूजा के दौरान मंदिर के पुजारी 10 दिनों तक व्रत करने वाली महिलाओं के पैर धोते हैं, जिसे धनु कहते हैं और उनकी पूजा करते हैं। इस दौरान पुरुषों का प्रवेश सख्त वर्जित है।
4. मां भगवती मंदिर- कन्याकुमारी स्थित देवी भगवती का मंदिर है। यहां देवी दुर्गा के कन्या रूप में विराजमान हैं। कहा जाता है कि यहां देवी सती की रीढ़ की हड्डी की गिरी थी। मां भगवती को संन्यास की देवी भी माना गया है और यही कारण है किइ इस मंदिर केवल संन्यासी पुरुष मंदिर के दरवाजे तक आ सकते हैं, जबकि शादीशुदा पुरुषों को यहां आना वर्जित है।
5. कामाख्या मंदिर- गुवाहाटी के कामाख्या शक्तिपीठ मंदिर में पुरुषों का आना कुछ काल के लिए मना होता है। यहां देवी माहवारी के उत्सव के दौरान इस मंदिर में पुरुषों का आना मना है। उस दौरान केवल महिला पुजारी और संन्यासी ही देवी की पूजा कर सकती हैं।
6. संतोषी माता मंदिर- संतोषी मां का व्रत सिर्फ महिलाएं और कन्याएं करती हैं और व्रत के दौरान खट्टे फल और आचार खाने की सख्त मनाही होती है। इतना ही नहीं शुक्रवार के दिन संतोषी माता के मंदिर में पुरुषों का प्रवेश वर्जित होता है।
7. त्र्यंबकेश्वर मंदिर- महाराष्ट्र के नासिक में स्थित त्र्यंबकेश्वर मंदिर के गर्भगृह में पहले महिलाओं को जाने की इजाजत नहीं थी, क्योंकि इस मंदिर का गर्भगृह भगवान शिव को समर्पित है, लेकिन साल 2016 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक ऑर्डर पास किया कि अगर महिलाओं को मंदिर के गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं है, तो पुरुषों के जाने पर भी रोक लगनी चाहिए। तभी से मंदिर के गर्भगृह में पुरुषों के जाने पर भी रोक लगा दी गई।
तो ये हैं ऐसे मंदिर जहां पूजा नियमों के कारण पुरुषों का प्रवेश वर्जित किया गया है।