कई बार चाह कर भी आप अपने रिश्ते को टूटने से नहीं बचा पाते। लड़ाई-झगड़े होना नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है जिससे रिश्तों में खटास आती है। रिश्तों में मिठास बनाए रखने के लिए जरूरी है कि आप के अंदर सकारात्मकता हो और आप उसे सही करने का प्रयास करें। ज्योतिष शास्त्र में कई मंत्र ऐसे हैं जिनका यदि रोज जाप किया जाए तो इंसान के बहुत से कष्ट दूर हो सकते हैं। रिश्तों में आई कड़वाहट या दुश्मनों का अचानक से बढ़ना मंत्रों के जरिये कम किया जा सकता है। आज आपको कुछ ऐसे ही मंत्रों के बारे में बता रहे हैं जो घर ही नहीं रिश्तों की शांति के साथ शत्रु या नकारात्मक शक्तियों से उत्पन्न डर को भी खत्म करने का दम रखते हैं।
घर में सुख और शांति का महामंत्र
धां धी धूं धूर्जटे पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवी, शां शीं शूं में शुभं कुरू।।
इस मंत्र को जपने के लिए काली मां की प्रतिमा या चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनकी विधिवत पूजा करें। इसके बाद इस मंत्र का जाप कर मन में घर की शांति के लिए प्रार्थना करें। दीप प्रज्जवलित कर मंत्र पढ़ना चाहिए। इस मंत्र को 108 बार करें और कम से कम 28 या 43 दिन लगातार ऐसा करें। दिन पूरे होने के साथ ही आपके घर में सुख और शांति का वास होने लगेगा।
शादी में यदि आ रही हो बार बार दिक्कत
हे गौरी शंकराद्वांगि यथा त्व शंकरप्रिया।
तथा मां कुरू कल्याणि कांतकांता सुदुर्लभाम्।।
इस मंत्र का जाप जिनकी शादी में बार-बार अड़चन आती हो उन्हें करना चाहिए। लड़का या लड़की दोनों को ही इस मंत्र को माता पार्वती के समक्ष दीप जला कर कम से कम 40 दिन तक पढ़ना चाहिए। कम से कम 22 माला मंत्र का जाप करना चाहिए।
भयनाशक मंत्र से निकलेगा डर
ओम ऐं हरीं हनुमते रामदूताय नम:
यह भयनाश्क मंत्र है। चाहे किसी भी प्रकार का डर हो इस मंत्र से खत्म हो जाएगा। इसके लिए हनुमानजी के समक्ष दीपक जला कर मंद्ध का कम से कम 108 माला का जाप करें। कोशिश करें कि इस मंत्र का जाप एकांत में करें। करीब 21 दिन या 40 दिन लगातार मंत्र का जाप करें।
जब भी मंत्र का जाप करें आपने मन में पूरा विश्वास रखें कि इस मंत्र से आपकी सभी मनोकामना पूरी होंगी और समस्याएं खत्म होंगी।
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