लाइव टीवी

Vaishakh Amavasya 2020: वैशाख अमावस्या का शुभमुहूर्त, जानें इस दिन क्या करें और क्या भूलकर भी ना करें

Updated Apr 22, 2020 | 11:58 IST

Vaishakh Amavasya (वैशाख अमावस्या) 2020: आज वैशाख अमावस्या है और इस दिन मांसाहार व मदिरा पान करने से दोष लगता है। जानें इस दिन क्या नहीं करना चाहिए।

Loading ...
Vaishakh Amavasya 2020
मुख्य बातें
  • आज वैशाख अमावस्या है और इस दिन हनुमान जी के पूजन का खास महत्व है
  • इस दिन पितरों को मोक्ष का संकल्प किया जाता है और दान दिया जाता है
  • जानें इस दिन क्या करें और क्या ना करें

आज वैशाख अमावस्या (Vaishakh Amavasya 2020) है। हिंदू पंचाग के अनुसार कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या कहा जाता है। मान्यता है कि इसी माह से त्रेता युग का आरंभ हुआ था इस कारण वैशाख अमावस्या का धार्मिक महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है। इस दिन हनुमान जी का पूजन और जाप करना बहुत शुभ माना जाता है। जानें इस दिन आपको क्या करना चाहिए और क्या भूलकर भी ना करें।

वैशाख अमावस्या पर करें ये काम

इस दिन गंगा स्नान का बहुत महत्व माना गया है। इस दिन पवित्र तीर्थस्थल पर जाकर गंगा स्नान किया जाता है। लेकिन इस साल लॉकडाउन होने के चलते घर पर ही तीर्थस्थलों का ध्यान करते हुए नहाने के पानी में गंगाजल मिलकर उससे स्नान करें। 

- अमावस्या पर उपवास रखें, ऐसा करने से पितृदोष दूर होते हैं।  

- अमावस्या के दिन पितरों को मोक्ष का संकल्प करें और जल, अन्न का दान करें।

- इस दिन हनुमान जी की पूजा का महत्व माना गया है तो उस दिन उनका पूजन, जप और ध्यान करें। 

- इस दिन शनिदेव को तेल अर्पित करना शुभ माना जाता है

वैशाख अमावस्या पर भूलकर भी ना करें ये काम

-यह दिन पितरों की तृप्ति के लिए होता है इसलिए मान्यता है कि ब्रह्मचर्य का पालन किया जाना चाहिए।
-ये दिन पितरों को समर्पित है इसलिए इस दिन सभी काम पूरी श्रद्धा से करने करें और सात्विक भोजन करें यानी इस दिन मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए।
-इस दिन जरूरी है कि सभी तरह की बुरी आदतों से दूर रहें और मदिरा पान ना करें।

वैशाख अमावस्या पूजा विधि

वैशाख अमावस्या पर ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिये। फिर नित्यकर्म से निवृत होकर पवित्र तीर्थ स्थलों पर स्नान करें। गंगा, यमुना आदि नदियों में स्नान का बहुत अधिक महत्व बताया जाता है। पवित्र सरोवरों में भी स्नान किया जा सकता है। स्नान के पश्चात सूर्य देव को अर्घ्य देकर बहते जल में तिल प्रवाहित करें। पीपल के वृक्ष को भी जल अर्पित करना चाहिये। इस दिन चूंकि कुछ क्षेत्रों में शनि जयंती भी मनाई जाती है इसलिये शनिदेव की तेल, तिल और दीप आदि जलाकर पूजा करनी चाहिये। शनि चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं या फिर शनि मंत्रों का जाप कर सकते हैं। अपने सामर्थ्य के अनुसार दान-दक्षिणा भी अवश्य देनी चाहिये।

कब है वैशाख अमावस्या

अमावस्या तिथि - 22 अप्रैल 2020, बुधवार

अमावस्या प्रारम्भ- 05:37 am, 22 अप्रैल 2020 से
अमावस्या समाप्त- 07:55 am, 23 अप्रैल 2020 तक

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल