- एकादशी की पूजा में जरूर चढ़ाएं तुलसी का पत्ता
- एकादशी के अगले दिन द्वादशी को करें व्रत का पारण
- भगवान विष्णु को समर्पित होता है एकादशी का व्रत
Mohini Ekadashi Vrat 2022: हिंदू कैलेंडर के अनुसार वैसे तो महीने में दो एकादशी तिथि पड़ती है। एक शुक्ल पक्ष में और दूसरी कृष्ण पक्ष में। इस तरह से पूरे साल में कुल 24 एकादशी तिथियां होती हैं। लेकिन अधिकमास वर्ष में कुल 26 एकादशी तिथि पड़ती है। हिंदू धर्म से जुड़े सभी व्रतों में एकादशी व्रत का महत्व होता है और सभी एकादशी में मोहिनी एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है। एकादशी व्रत भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित होता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अराधना की जाती है और व्रत रखा जाता है। वैशाख माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। मोहिनी एकादशी का व्रत व पूजन करने से भगवान विष्णु की कृपा से मनवांछित फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती हैं।
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कब है मोहिनी एकादशी 2022
मोहिनी एकादशी का व्रत गुरुवार 12 मई 2022 को रखा जाएगा।
- एकादशी तिथि प्रारंभ- बुधवार 11 मई शाम 07 :31 से
- एकादशी तिथि समाप्त- गुरुवार 12 मई शाम 06:51 पर
- एकादशी व्रत का पारण- शुक्रवार 13 मई को
उदयातिथि के कारण 12 मई को मोहिनी एकादशी का व्रत मान्य होगा। एकादशी व्रत का पारण अगले दिन यानी द्वादशी तिथि 13 मई को किया जाता है।
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मोहिनी एकादशी पूजा विधि
मोहिनी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठे। दैनिक कार्यों से निवृत होकर स्नान कर साफ कपड़े पहनें। इसके बाद पूजा के लिए एक चौकी रखें। इसमें पीला कपड़ा बिछाएं और भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। दीपक जलाकर भगवान के समक्ष हाथ जोड़ें और व्रत का संकल्प लें। भगवान विष्णु को पीले फूल, फल, पंचामृत, तुलसी, धूप, दीप, गंध, अक्षत, चंदन, रोली आदि अर्पित करें। ध्यान रहे एकादशी पूजा करते समय भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते जरूर चढ़ाएं। तुलसी पत्ता के बिना भगवान विष्णु की पूजा संपन्न नहीं होती। इसके बाद मोहिनी एकादशी व्रत कथा पढ़े और भगवान श्री हरि विष्णु की आरती करें। आरती के बाद हाथ जोड़कर भगवान से क्षमायाचना करें। इसके बाद परिवार के लोगों में प्रसाद बाटें। पूरे दिन व्रत रखें या फलाहार रहें। अगले दिन सुबह स्नानादि के बाद पूजा करें और दान-दक्षिणा देकर व्रत का पारण कर अन्न जल ग्रहण करें।
(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)