नई दिल्ली: बृहस्पतिवार यानी गुरुवार का दिन बहुत ही शुभ माना गया है। यही नहीं ब्रहमांड में पूरे नौ ग्रहों में से बृहस्पति ग्रह ही सबसे भारी माना जाता है। यही नहीं बृहस्पतिवार का दिन, लक्ष्मीनारायण का भी वार कहलाता है। इस दिन वर्जित कार्य करने से लक्ष्मी जी और प्रभु विष्णु दोनों ही रूठ जाते हैं।
बृहस्पति देव की पूजा करने के कारण इसे बृहस्पतिवार या गुरुवार भी कहा जाता है। धार्मिक दृष्टि से गुरुवार को कुछ ऐसे काम हैं, जिन्हें इस दिन करने से मना किया जाता है। इस दिन जिन कार्यों को करने से घर में हल्कापन आता है, उसे वर्जित माना गया है। गुरु ग्रह यानी बृहस्पति को शिक्षा तथा धर्म से जोड़ा जाता है।
आपने घर के बड़े-बुजुर्गों को कहते सुना होगा कि बृहस्पतिवार को महिलाओं को बाल नहीं धोने चाहिये। लेकिन क्या आपको इसके पीछे का कारण पता है? अगर नहीं तो आइये जानने की कोशिश करते हैं।
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किसी भी महिला के संतान और उसके पति का कारक बृहस्पति माना गया है। देखा जाए तो अकेला बृहस्पति ही ऐसा ग्रह है जो संतान और पति दोनों को प्रभावित कर के नुकसान पहुंचा सकता है।
यदि इस दिन किसी महिला ने बाल धो कर नहा लिया तो उसका बृहस्पति कमजोर हो जाएगा और फिर उसके संतान और पति की उन्नति में बाधा प्रकट होगी।
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गुरुवार को बाल धोने से पति और संतान के जीवन में धन की हानि आती है तथा सुख-समृद्धि के क्षेत्रों में भी असफलता मिलती है।
यदि कोई महिला भगवान बृहस्पति को खुश करना चाहती हैं तो, उसे गुरुवार के दिन पीले कपड़े धारण करने चाहिये। इस दिन भोजन में पीले रंग की चीजें बनाएं और पीले फूलों को ही भगवान के चरणों में चढ़ाएं।
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