नई दिल्ली। Om Jai Lakshmi Mata: मां लक्ष्मी को धन की देवी माना गया है। वह जिस घर में भी जाती हैं वहां की सुख समृद्धि में इजाफा कर देती हैं। माता लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी हैं जो क्षीर सागर में उनके साथ निवास करती हैं। माता लक्ष्मी धन, सुख, समृद्धि और शांति की देवी हैं। इनका दिन शुक्रवार है और इस दिन इनकी पूजा और आरती करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। अगर आप इनकी आरती रोज नहीं कर सकते तो गुरुवार को भी इनकी आरती कर सकते हैं।
लक्ष्मी जी की आरती में 16 पंक्तियों की है। आरती गाते समय ऊंची राग के साथ मध्यम स्वर में गाएं। इस बात का ध्यान रहे कि आरती का उच्चारण शुद्ध होना चाहिए। अब आइये यहां जानें माता लक्ष्मी की आरती कैसे करें
लक्ष्मी जी की आरती -
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता॥