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Navratri 2021 Day 6, Maa Katyayani Aarti: मां कात्यायनी की पूजा, जानिए षष्ठी तिथि का मंत्र और आरती

Updated Oct 11, 2021 | 08:21 IST

Navratri 2021 Day 6, Maa Katyayani Aarti Lyrics In Hindi: मां कात्यायनी की पूजा सुख और शांति प्रदान करने वाली होती है। धर्म के अनुसार मां कात्यायनी ने ही महिषासुर का वध किया था।

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नवरात्रि के छठवें दिन मां कात्यायनी की आरती और मंत्र
मुख्य बातें
  • नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा अर्चना की जाती है।
  • मां कात्यायनी की पूजा मन को मजबूत बनाती है।
  • देवी के छठे रूप की पूजा करने से जीवन साथी अच्छा मिलता है

Navratri 2021 Day 6, Maa Katyayani Aarti Lyrics In Hindi: नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। पुराणों के अनुसार असुरों का संहार करने, भक्तों को अभय दान देने और देवताओं का कल्याण करने के लिए ही माता ने नौ रूप का अवतार लिया था। नवरात्रि में हर दिन अलग-अलग माताओं की पूजा की जाती हैं। नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना की जाती है।

मान्यताओं के अनुसार कात्यायनी मां की पूजा मन को मजबूत करने के साथ-साथ इंद्रियों को वश में करने का काम करती हैं। धर्म के अनुसार अविवाहित व्यक्तियों के लिए मां कात्यायनी की पूजा बेहद लाभदायक होती है। देवी कात्यायनी का यह स्वरूप बेहद शांत और मनमोहक हैं। ग्रंथों के अनुसार देवी कात्यायनी ने महिषासुर का मर्दन करने के लिए यह रूप लिया था।

देवी के इस रूप की पूजा अर्चना यदि भक्त सच्चे मन से करें, तो मां हर मनोकामना को शीघ्र पूर्ण कर देती हैं। नवरात्रा के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा करते समय यहां बताए गए मंत्र और आरती यदि आप पढ़ें, तो मां कात्यायनी बहुत जल्द प्रसन्न होकर आपकी सभी इच्छाओं को पूर्ण कर देंगी। यहां आप देवी कात्यायनी के पूजा मंत्र और आरती पढ़ सकते हैं।

देवी कात्यायनी के पूजा मंत्र (Maa Katyayani Puja Mantra)

चंद्रहासोज्जवलकरा शार्दूलवर वाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनि।

देवी कात्यायनी की आरती (Maa Katyayani Aarti)

जय जय अंबे जय कात्यायनी ।
 जय जगमाता जग की महारानी ।।

बैजनाथ स्थान तुम्हारा।
वहां वरदाती नाम पुकारा ।।

कई नाम हैं कई धाम हैं।
यह स्थान भी तो सुखधाम है।।

हर मंदिर में जोत तुम्हारी।
कहीं योगेश्वरी महिमा न्यारी।।

हर जगह उत्सव होते रहते।
हर मंदिर में भक्त हैं कहते।।

कात्यायनी रक्षक काया की।
ग्रंथि काटे मोह माया की ।।

झूठे मोह से छुड़ानेवाली।
अपना नाम जपानेवाली।।

बृहस्पतिवार को पूजा करियो।
ध्यान कात्यायनी का धरियो।।

हर संकट को दूर करेगी।
भंडारे भरपूर करेगी ।।

जो भी मां को भक्त पुकारे।
कात्यायनी सब कष्ट निवारे।।

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