रमजान का पवित्र महीना यह इस्लामी कैलेंडर का नौवां माह है, जिसे सबसे ज्यादा पवित्र माह माना जाता है, इसमें 29 से 30 दिन तक रोजा रखा जाता है और इसका समापन ईद-उल-फितर के साथ होता है।रमजान माह में चांद दिखने की अहम भूमिका होती है जिस दिन रात में चांद दिखता है, उसके अगले दिन से रमजान का रोजा रखा जाता है, 2 तारीख को चांद दिख गया है इस हिसाब से अब 3 अप्रैल से पहला रोजा रखा जाएगा।
मुस्लिम रोजे के दौरान दिन में पांच बार नमाज पढ़ते हैं। फज्र की नमाज (सुबह की नमाज) से लेकर इशा (रात की नमाज) की नमाज तक वे दिन भर में पांच बार नमाज पढ़ते हैं।
पूरे एक माह तक मुस्लिम समाज के लोग रोजा रखते हैं। इस दौरान दिन के समय न कुछ खाया जाता है और न ही पिया जाता है। रमजान के महीने में रोजा रखने के पीछे तर्क दिया जाता है कि इस दौरान व्यक्ति अपनी बुरी आदतों से दूर रहने के साथ ही खुद पर संयम रखने की कोशिश करता है।